पर्यावरण के लिहाज से बिहार को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की कवायद तेज हो चुकी है। अब इस साल के अंत तक प्रदेश के सभी जिलों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएगी। परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में अपने स्तर से तैयारी पूरा कर लिया गया है। कुछ तकनीकी कारणों के चलते पटना जिले के अलावा एक से दो जिलों में ही अभी यह बस सेवा शुरू हो चुकी है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के सभी जिलों में जल्द ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, आम जनों को इसका लाभ मिलेगा।
परिवहन विभाग के मंत्री शुक्रवार को शीला कुमारी ने अधिवेशन भवन में आयोजित सिपाहियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण में कही कि साथ ही प्रदूषण से निजात मिलेगी। उन्होंने नवनियुक्त 347 दस्ता सिपाहियों से दायित्व के साथ काम करने को कहा। मंत्री ने कहा कि यही धर्म है, अगरबत्ती से पूजा करना धर्म नहीं है। आज सबसे अधिक अकुशल ड्राइवरों के चलते सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। आप सबको हादसे को कम करने के लिए काम करना होगा।
संजय कुमार अग्रवाल (सचिव, परिवहन विभाग) ने कहा कि लगभग 30 सालों के बाद चलन दस्ता की बहाली इतनी संख्या में हुई है। केवल चार चलंत सिपाही 3 साल पहले थे। या बहाली राज्य सरकार के निर्देश पर हुई है। विभाग और आम जनों को इसका लाभ मिलेगा। अग्रवाल ने सभी सिपाहियों से ईमानदारी से कार्य करने और शानदार काम करने वाले को विभाग से सम्मानित किए जाने और प्रशिक्षण हेतु दूसरे राज्यों में भेजने की बात कही।
दरअसल में किस वर्ष अन्य पदों पर भी लोग बहाल होंगे, जिसमें एमवीआई, परिवहन पदाधिकारी और ईएसआई शामिल है। उन्होंने कहा कि विभागीय परीक्षा आप सबको 6 माह बाद ली जाएगी तथा आप सभी का प्रमोशन 10 से 15 वर्ष के बाद होगा। सरकार ने यह सोचा है।