इस वर्ष बिहार में ब्लॉक स्तर पर प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों के जरिए सवा लाख से ज्यादा छोटे-मंझोले किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से लाभान्वित करने की योजना है। इसको लेकर सहकारिता विभाग ने विशेष अभियान चलाकर समितियों से सब्जी उत्पादकों को जोड़ने को कहा है। शुक्रवार को सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी ने कहां की इस फाइनेंसियल ईयर में 25 हजार सब्जी उत्पादकों को इस योजना से लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी सप्ताह में केसीसी का लाभ 500 किसानों को दिया जाएगा।
केसीसी के माध्यम से सब्जी उत्पादकों को ऋण उपलब्ध कराना पूंजी की समस्या को दूर करने का उद्देश्य है। सहकारिता सचिव वंदना प्रेयषी ने बताया कि राज्य का सहकारी बैंक सहायता करेगा। इसके लिए प्रावधान रखा गया है कि सब्जी उत्पादकों को ब्लॉक स्तर पर प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समिति से जुड़ना होगा। बता दें कि सूबे के 20 जिलों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियां काम कर रही है। 25 हजार से ज्यादा किसान राज्य के पटना, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पं. चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, भोजपुर, बक्सर, छपरा, गोपालगंज व सिवान जिले के प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों से जुड़े हुए हैं। सभी को केसीसी का लाभ मिल रहा है।
बता दें कि सूबे में 89.94 हेक्टेयर में सब्जी की पैदावार होती है और 171.40 लाख टन सब्जी उत्पादित किया जाता है। 213 समितियां 20 जिलों में काम कर रही है बाकी के 18 जिलों में भी इसका विस्तार करने की योजना है। इसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है। समितियों की संख्या में वृद्धि और ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से इसका विस्तार किया जाएगा। बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को 50 हजार से 1 लाख रुपए तक तक ऋण उपलब्ध किया जाता है इसके लिए 3 प्रतिशत की दर से सालाना ब्याज चुकाना होता है।