बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में ऑक्सीजन की समस्या नहीं होगी। ऑक्सीजन के नए प्लांट की शुरुआत हो गई है जिससे 1 मिनट में 3750 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद मॉक ड्रिल में प्लांट में हवा से ऑक्सीजन बनाया जा रहा है। नए प्लांट के कनेक्शन को इमरजेंसी वार्ड से लेकर राजेंद्र सर्जिकल वार्ड तक लगभग 700 बेड तक जोड़ा गया है। बेड पर मरीजों को आसानी से ऑटोमेटिक प्लांट के जरिए ऑक्सीजन उपलब्ध हो पाएगी।
बता दें कि पीएमसीएच अस्पताल में पीएसए प्लांट में 1 मिनट में हवा से 1250 लीटर ऑक्सीजन तैयार होगा। इस तरह के तीन प्लांट लगाए गए हैं। 1250 एक प्लांट के साथ 3000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता होगी। ऐसे में एक साथ तीन प्लांट के शुरू होने से हर एक मिनट पर 750 लीटर ऑक्सीजन तैयार होगा और 9000 लीटर ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता होगी। पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक अशोक कुमार कहते हैं कि तीनों प्लांट का ऑपरेशन सफल रहा है। जांच में प्रेशर और प्यूरिटी दोनों मानक के अनुसार मिली है। दोनों का कनेक्शन बेड तक होने से अब ऑक्सीजन की समस्या खत्म हो जाएगी।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर राज्य में ऑक्सीजन की तैयारी पहले ही की जा रही है। कोरोना के दूसरी लहर में राज्य में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी मरीजों को ऑक्सीजन के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी थी। सूबे के सभी मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था हो चुकी है। पीएमसीएच हॉस्पिटल के तकनीकी विशेषज्ञ बताते हैं कि मॉक ड्रिल में ऑक्सीजन प्लांट सही पाया गया है। बेड और प्योरिटी भी सही आंका गया है।