बिहार की सरकार पानी पर कर यानी टैक्स लगाने जा रही है। आने वाले तीन महीनों के अंदर बिहार के तमाम निकायों में वाटर टैक्स शुल्क लागू किया जाएगा। पेयजल उपयोग शुल्क नीति 2021 के तहत वाटर टैक्स की वसूली की जाएगी। फिलहाल बिहार में पानी फ्री है, लेकिन अब सरकारी पानी का कनेक्शन लेने वालों को इसका भुगतान करना पड़ेगा। अब बिहार के लोगों पर महंगाई की मार पड़ने जा रही है। बिहार में पटना नगर निकाय के साथ ही प्रदेश के सभी निकायों में जल्द ही वाटर टैक्स वसूली शुरू हो जाएगी। प्रदेश के सभी निकायों में पानी का कनेक्शन लगभग एक करोड़ लोगों ने लिया हुआ है।
पानी पर टैक्स वसूलने हेतु नगर निगम विभाग में पूरी कार्य योजना बना ली है। आगामी 3 महीने के अंदर लोगों के घर बिल आना भी शुरू हो जाएगा। कहा जा रहा है कि अप्रैल से ही पानी के ऊपर टैक्स लगेगा। प्रॉपर्टी टैक्स के आधार पर वाटर टैक्स बनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिन लोगों के घरों में नल का कनेक्शन है और प्रॉपर्टी टैक्स देते हैं उनसे पानी का टैक्स वसूला जाएगा। दूसरी ओर जिसके घर में नल का कनेक्शन नहीं है और वह प्रॉपर्टी टैक्स देते हैं, तो उनसे पानी का टैक्स नहीं लिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, जो लोग प्रॉपर्टी टैक्स 1000 रूपए देते हैं, उषा प्रत्येक महीने 40 रुपए और सालाना 480 रूपए वसूला जाएगा। अगर कोई व्यक्ति 1001 रुपए से 2000 रुपए तक प्रॉपर्टी टैक्स अदा करता है तो उससे प्रत्येक महीने 65 रूपए के हिसाब से सालाना 780 रुपए वसूले जाएंगे। जबकि जो 2001 रुपये से 3000 रुपए तक टैक्स देते हैं उनसे प्रत्येक महीने 120 रुपए के हिसाब से सालाना 1440 रूपए टैक्स लिया जाएगा।
इसके साथ ही साथ ही नगर निकायों के टैक्स को पांच ग्रुप में बांटा गया है। पहले ग्रुप में घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग होने वाला पानी, दूसरे ग्रुप में बड़े और छोटे औद्दोगिक प्लांट, तीसरे ग्रुप में रेस्टोरेंट, सर्विस स्टेशन और होटल जैसे प्रतिष्ठान, चौथे ग्रुप में गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन और पांचवी ग्रुप में non-government ऑर्गेनाइजेशन जैसे निजी स्कूल, कॉलेज, नर्सिंग होम और कोचिंग इंस्टिट्यूट को रखा गया है।