अब फैक्ट्री से बनाई गई मालों को डायरेक्ट दुकान तक पहुँचाया जाएगा। 25 डिब्बों वाली मालगाड़ी ट्रेन सूरत (गुजरात) से बिहार आ चुकी है। जिस तरह किसानों के प्रोडक्ट्स को सप्लाई के लिए किसान रेल चलाई गई थी, इसी तर्ज पर कपड़े व्यवसायियों के लिए सूरत से कपड़ा पार्सल ट्रेन का शुभारंभ हुआ है। अब डायरेक्ट दुकान तक कंपनी की बनी हुई माल पहुँच पाएगी।
सूरत को टेक्सटाइल औद्योगिक का गढ़ कहा जाता है। कोरोना काल में अन्य व्यापार के साथ कपड़ा व्यवसाय पर भी प्रभावित हुआ है। इसके वजह से बनाए गए कपड़े सप्लाई ना होने के चलते फैक्ट्रियों और गोदामों में ही पड़ा है। धीरे-धीरे मजदूर भी अब काम के लिए लौट आए हैं। ट्रेनों के आवागमन में पाबंदियों के चलते इसके सप्लाई पर खासा प्रभाव पड़ा है। इस को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने महत्वपूर्ण फैसला फैसला लिया है, अब इंडियन रेलवे टेक्सटाइल फैक्ट्री से माल उठाकर डायरेक्ट बिहार के लिए सप्लाई कर रही है।
ट्रेन के चलने से जहां फैक्ट्री के मालिकों को फायदा होगा, वहीं बिहार के व्यापारियों को भी सुगमता होगी। अब कपड़ा का ऑर्डर देते हुए रेल के द्वारा दो से तीन दिन के भीतर माल बिहार पहुंच जाएगी। उधना (सूरत) से दानापुर और मुजफ्फरपुर के लिए कपड़ा राज्यमंत्री दर्शना जरदोश व सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की मौजदूगी में ट्रेन रवाना हुई।
मुजफ्फरपुर, पटना से फिर बिहार के विभिन्न जगहों पर मालों का सप्लाई होगा। इससे पहले सूरत से कोलकाता के लिए भी ट्रेन चलाई जा चुकी है। भारतीय रेलवे के इस कदम से सूरत के कपड़े व्यवसायी काफी खुश हैं।