भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को तीसरे प्रयास में सफल होकर आईएएस बनने वाले बिहार के लाल सुमित की कहानी हम सभी को पढ़नी चाहिए। सुमित बिहार के सुदूर ग्रामीण इलाके से आते हैं, जहां पढ़ाई की उचित व्यवस्था नहीं है। इसको देखते हुए सुमित के परिवार ने बेहतर भविष्य के लिए 8 साल की उम्र में ही बोर्डिंग स्कूल भेज दिया। कई उतार-चढ़ाव और आर्थिक परेशानियों के बीच उनके माता-पिता ने उनकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बोर्डिंग स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुमित ने इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी में दाखिला लिया। आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढाई पूरी की। इसी दौरान उनका झुकाव का यूपीएससी के तरफ हुआ, लिहाजा उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी। यूपीएससी की परीक्षा दी साल 2016 में पहले प्रयास में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। फिर अलग रणनीति के तहत उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उन्हें 493 वीं रैंक हासिल की।
अपने रिजल्ट से नाखुश सुमित ने यूपीएससी परीक्षा एक बार फिर देने की ठानी। तीसरे प्रयास में शानदार प्रदर्शन करते हुए सुमित ने 53 वीं रैंक हासिल की। आईएएस अधिकारी बन सुमित ने परिवार के सपने को साकार किया। सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए सुमित कहते हैं, अच्छे प्रदर्शन के लिए सीमित किताबों से ही पढ़ाई करनी चाहिए। समय-समय पर रिवीजन व टेस्ट सीरीज देते रहना चाहिए। यूपीएससी परीक्षा के लिए धैर्य के साथ निरंतर मेहनत की जरूरी होती है।