बिहार के बेगूसराय के लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में लैंडमाइन विस्फोट में शहीद हो गए हैं। शनिवार को शाम ही उनके शहीद होने की खबर सुनते ही घर में मातम का माहौल पसर गया। पिता के इकलौते पुत्र ऋषि रंजन छह महीने पहले ही नौसेना में भर्ती हुए थे। अगले महीने बहन की शादी होनी है इससे पहले ही ऋषि के शहीद होने की खबर ने लोगों को झकझोर दिया है। शहीद ऋषि रंजन के अंतिम यात्रा में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। लोग इनकी वीरता को सलाम कर रहे हैं।
शहीद ऋषि रंजन लक्खीसराय के पिपरिया के हैं। लेकिन परिवार कई दशकों से बेगूसराय में रहता है। परिवार का सेना से गहरा रिश्ता रहा है। बड़ी बहन और बहनोई दोनों सेना में है। परिवार के कई और सदस्य देश की सेवा में समर्पित है। 6 महीने पहले ऋषि सेना में भर्ती हुए थे। बीते महीने ही जम्मू-कश्मीर में तैनाती हुई थी। शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि की छोटी बहन की शादी इसी महीने 29 नवंबर को होनी है। 22 नवंबर को ऋषि घर आने ही वाले थे इससे पहले ही देश की सेवा में शहीद हो गए।
लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ आज उनके पैतृक घर पहुंचा। जहां उनके अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों की आंखें नम थी। भारत माता की जय नारे के साथ लोगों ने उनकी वीरता को सलाम किया। राजकीय सम्मान के साथ सिमरिया घाट पर शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन को अंतिम विदाई दी गई।