बिहार के इस लड़के द्वारा बनाए गए गणतंत्र दिवस पर धान की भूसी से तैयार की तिरंगे की गोलाकार उमरोली को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह दी गई है। कैमूर के अमरीश ने यह उपलब्धि हासिल की है। अमरीश फिलहाल कला एवं शिल्प महाविद्यालय पटना के मूर्तिक ला विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं।
अमरीश बताते हैं कि 28 जनवरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और दूसरे रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए आवेदन किया। नौ महीने के बाद कॉल और ईमेल के जरिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड टीम से 30 सितंबर को संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें बधाई हो अमरीश कुमारी तिवारी लिखा हुआ था। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा कर अब आगे के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए तैयारी कर रही हैं।
बता दें कि कैमूर के भगवानपुर प्रखंड निवासी अमरीश में एक अलग ही रिकॉर्ड बनाकर जिले के साथ राज्य का नाम रोशन किया है। उन्होंने पिछले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर धान की भूसी से गोलाकार रंगोली बनाई थी जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिल गया है।
तीन भाइयों में सबसे छोटे अमरीश नहीं उम्र के हिसाब से बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अमरीश ने बताया कि रंगोली को अबीर और गुलाल से नहीं बल्कि धान की भूसी से तैयार किया है। कैमूर जिला के होने के नाते यहां से जुड़े हुए विषय प्रमुख कृषि प्रधान इलाका है, और इसी के मद्देनजर रंगोली बनाई गई है। रंगोली में खास तरह के रंग भरे गए हैं जो प्राकृतिक रंग है। यहां 900 वर्ग फीट का है और लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है।
अमरीश ने खुद की कलाकृति मंच नाम से संस्था बनाई हुई है। इसके जरिए छात्रों और युवाओं को निशुल्क कला की शिक्षा देते हैं। कोविड में सैंड आर्ट के माध्यम से जिले के लोगों को कोरोना से बचाव हेतु प्रेरित करते थे और निशुल्क पेंटिंग की शिक्षा दी। प्रदेश स्तरीय कला प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसमें यूपी, झारखंड और बिहार के कलाकारों ने अपनी कला प्रदर्शित किया था।