बिहार के शहरी इलाकों में गुजर-बसर करने वाले गरीबों को सरकार उन्हें अपना आशियाना देने जा रही है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत तो सूबे के शहरी इलाकों में 3,54,182 आवास बनाने को मंजूरी दी गई है। इनमें से 2,17,837 मकानों के बनाने का काम शुरू हो गया है। वहीं, 57,103 आवासीय बनकर तैयार भी हो गए हैं। साल 2015 में ही हाउस फॉर ऑल स्कीम के तहत इस मिशन की शुरुआत हुई थी। इस साल के मार्च तक इस योजना की मिशन अवधि है।
बता दें कि इस योजना के तहत वित्तीय तौर पर कमजोर आय वर्ग के लोगों को अधिकतम 30 वर्ग मीटर एरिया में घर बनाने के लिए मैक्सिमम दो लाख रुपए जबकि आवास विस्तार के लिए डेढ़ लाख रुपए सब्सिडी का प्रावधान है। चार इंस्टॉलमेंट में यह राशि प्रदान की जाती है। नगर विकास एवं आवास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत स्वीकृत गरीबों के 30,000 से ज्यादा लाभार्थियों को पहली स्टॉलमेंट की राशि जारी उनके बैंक खातों में भेजी जानी है। वहीं, 22 हजार लाभार्थियों को दूसरा इंस्टॉलमेंट, 18,272 लाभार्थियों को तीसरा जबकि 12,171 लाभार्थियों को चौथा स्टॉलमेंट की राशि भेजी जानी है।
योजना के तहत लोन आधारित ब्याज सब्सिडी का भी प्रावधान है। विभाग के अनुसार इस घटक में अभी तक सूबे में 14 हजार 490 लाभुकों का होम लोन अलग-अलग बैंकों द्वारा स्वीकृत किया गया है। लाभुकों के बैंक खाते में 2025.10 करोड़ रुपये भेज दिए गए हैं। सरकार की इस योजना से गरीबों का कायाकल्प हो रहा है, उन्हें अपने सपनों का मकान मिल रहा है। दूसरी ओर बिहार सरकार शहर के भूमिहीन गरीबों को उन्हें अपना आशियाना देने के लिए आवासीय कंपलेक्स बनाने की योजना पर भी काम कर रही है।