बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है। बिहार का रिक्शावाला भी अपनी काबिलियत के दम पर कमाल कर सकता है। रिक्शा चलाकर जीवन गुजारने वाले सहरसा के दिलखुश कुमार ने एक ऐसा ऐप बनाया है जिससे आप 40 से 60 प्रतिशत की बचत कर कैब बुकिंग किराए के लिए बुक कर सकते हैं। बता दें कि इस ऐप का नाम रोडबेज है। रोडवेज की लोकप्रियता इतनी कि केवल 45 दिनों के अंदर इस ऐप को 40 हजार से अधिक लोगों ने इंस्टॉल कर लिया है।
रोजाना सैकड़ों लोग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। कभी देश की राजधानी दिल्ली में रिक्शा चलाकर जीवन गुजारने वाले दिलखुश की टीम में आज आईआईएम, ट्रिपल आईटी और आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई कंप्लीट करने वाले मैनेजर और इंजीनियर काम कर रहे हैं। यह स्टार्टअप राजधानी पटना के इंक्यूबेशन सेंटर से इंक्यूबेटेड है। दिलखुश बताते हैं कि फिलहाल बिहार में 3000 गाड़ियों का नेटवर्क है और आने वाले 6 महीने में 15 हजार गाड़ियों का नेटवर्क तैयार करने का टारगेट है।
बता दें कि दिलखुश के पिता बस ड्राइवर हैं। आर्थिक तंगी के चलते दिलखुश मैट्रिक की पढ़ाई के बाद दिल्ली चले गए। वहां उन्होंने रिक्शा चलाना शुरु किया। कुछ दिनों बाद वापस पटना आए और मारुति 800 चलाने लगे। यह जानकर हैरानी होगी कि दिलखुश एक इंटरव्यू में एप्पल के लोगों को नहीं पहचान सके जिसके चलते उन्हें चपरासी की नौकरी नहीं मिली। इसी बीच उनके दिमाग में रोडबेज का ख्याल आया। कुछ समय पहले ही दिलखुश को जोश टॉक में युवाओं को स्टार्ट अप के लिए मोटिवेट करने को बुलाया गया था।
दिलखुश कहते हैं कि हाल के महीनों में डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का असर हर किसी पर पड़ा है। आंकड़ों से मालूम चला कि 60 फीसद लोग एक सिटी से दूसरे सिटी में एकतरफा जाते हैं। मगर कैब संचालक या फिर ड्राइवर किसी भी कस्टमर से जाने और आने दोनों का पैसा लेता है। ऐसे में दिलखुश ने एक नेटवर्क बनाया और एक ऐसा ऐप विकसित किया जो एकतरफा कैब सुविधा उपलब्ध कराता है। लंबी दूरी के लिए आपको 5 घंटे पहले ही ऐप पर कैब बुक कर लेनी होगी।
सीआईएमपी बिजनेस इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमोद कुमार ने कहा कि दिलखुश के रोडबेज ऐप की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यह सुरक्षित, सुलभ और सस्ता सर्विस देने वाली कैब सेवा है। उन्होंने लोगों से इस सेवा का लाभ उठाने के लिए अपील की।