बार-बार राशन कार्ड बनाने की समस्या को दूर करने के लिए सरकार की ओर से स्मार्ट राशन कार्ड योजना पर शीघ्र ही विचार किया जाएगा। सरकार 1 करोड़ 81 लाख राशन कार्डधारी परिवारों का स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। एक बार स्मार्ट कार्ड बनने के बाद लाभार्थी परिवार को दोबारा राशन कार्ड बनाने की नौबत नहीं आएगी।
स्मार्ट राशन कार्ड लाभुकों को एटीएम कार्ड की तरह यूज में आएगा। इसके शुरुआत होने से राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों की मनमानी पर भी लगाम लगेगी। 21 मार्च तक सरकार ने राशन कार्ड में शामिल सदस्यों को आधार सीडिंग कराने का अंतिम समय दिया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में लाभुक परिवारों की संख्या 1 करोड़ 81 लाख है यानी राशन से लाभान्वित हो रहे लोगों की कुल संख्या 8 करोड़ 81 लाख है। आंकड़े के मुताबिक 7 करोड़ 11 लाख लोगों का आधार सिडिंग हो चुका है। आधार सीडिंग ना करवाने वाले की संख्या एक करोड़ 60 लाख है। मार्च महीने तक ऐसे लोगों का आधार सिडिंग करवाने का केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है। एक राशन कार्ड में ज्यादा से ज्यादा 20 सदस्यों का नाम रहेगा। बीस से अधिक सदस्यों का नाम रहने पर उस परिवार का दूसरा राशन कार्ड बनेगा।
बिहार सरकार के खाद्य सचिव विनय कुमार ने जानकारी दी कि वन नेशन वन राशन कार्ड अंतर्गत आधार सिडिंग एवं सत्यापन के लिए सभी अनुमंडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। सभी लाभुकों के आधार नंबरों की राशन कार्ड के साथ सिडिंग करना अनिवार्य है। लाभुकों को झंझट न हो, इसके मद्देनजर दुकानदारों द्वारा आधार सिडिंग के काम में मदद लिया जा रहा है। राशन लाभुकों को नेशनल पोर्टेबिलिटी के लाभ बताए जाने के लिए लोगों को इस संदर्भ में जागरूक किया जा रहा है।
बता दें कि इसके बनने से डिजिटल कंप्यूटरीकृत वितरण प्रणाली की सुविधा और सुलभ हो जाएगी। स्मार्ट कार्ड में एक क्यूआर कोड होगा जिससे कार्डधारक को कहीं भी और किसी भी पीडीएस दुकान से राशन उठा सकेंगे।