बिहार में पंचायतों विकास को गति देने के लिए प्रदेश में 3000 पदों पर पंचायत सचिवों की नियुक्ति होगी। पंचायतों की विकास के लिए राजधानी पटना में आयोजित एक बैठक में यह जानकारी सामने आई है। प्रदेश के मुखिया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मिले शिकायत पर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने ये बातें कही। फिलहाल स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के माध्यम से पंचायत सचिवों के 3000 पदों को भरा जा चुका है अन्य पंचायतों के लिए शीघ्र ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
राज्य में पंचायतों का योगदान अहम हो गया है। सच्चाई यह है कि भारत सरकार ने जब से मनरेगा जैसी योजना को लागू किया है तब से मुखिया की जिम्मेदारी बढ़ गई है। लेकिन पंचायत सचिवों के नहीं रहने की वजह से गांव में सरकारी योजनाएं सुस्त पड़ी है। अब इसकी शिकायत प्रदेश के मुखिया द्वारा पंचायती राज विभाग को किया गया। संज्ञान में लेते हुए विभाग अब 3000 पंचायत सचिवों की बहाली करने जा रहा है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए यह बहाली की जाएगी।
बता दें कि बीते दिनों पटना में राज्य भर के चुनिंदा ग्रामीण प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन आयोजित हुआ था। इस सम्मेलन में केंद्र सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद थे। यह दौरान ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए मुखिया के द्वारा पंचायत सचिवों की नियुक्ति की मांग की गई।
कोविड के समय जिस हिसाब से बिहार आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ी थी। उससे पंचायतों की जवाबदेही अब और बढ़ गई है। जब देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब मनरेगा योजना 2006 में लागू की गई। इस योजना से जहां ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं वहीं पंचायतों की अहम भागीदारी रही। बिहार में 8006 पंचायत हैं। नियम कहता है कि एक पंचायत में एक सचिव की बहाली होनी है। फिलहाल पंचायत सचिव के 3000 पदों को पंचायती राज विभाग के माध्यम से भरा जा चुका है।
मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि पंचायत सचिवों यह बहाल न होने से काम प्रभावित हुआ है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से 3000 पंचायत सचिवों की नियुक्ति होने की बात कही है। बता दें कि पंचायत सचिव के दस्तखत के बिना कोई भी योजना पंचायत का पास नहीं होता है। पंचायत सचिव के हाथों में ही सरकार की योजनाओं पर धरातल पर मुखिया के माध्यम से लागू कराने का जिम्मा होता है। उन्होंने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के जरिए नियुक्ति प्रक्रिया जल्दी होने पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विवाह को खुद ही पंचायत सचिवों के पदों पर नियुक्ति करानी चाहिए।