बिहार में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिलाने वाले कोर्स को मुख्यमंत्री उद्यमी स्कीम में रखा गया है। मुख्यमंत्री उद्यमी स्कीम में कई बदलाव किए गए हैं। इस स्कीम के तहत अब 102 के जगह 54 प्रकार के ट्रेड के लिए ही सब्सिडी मिलेगा। 54 ट्रेड से अलग ट्रेड वाले उद्यमियों को ट्रेड बदलने के लिए 7 दिनों का समय दिया गया है। वेबसाइट खुलते ही पहले दिन एक हजार उद्यमियों ने अपना ट्रेड बदला। 2021-22 में इस स्कीम के लिए 15985 लाभार्थियों में से 1885 लाभार्थियों को पहले किस्त की 4 लाख रुपए मिल चुके हैं।
जिन उद्यमियों को पहले किस्त की राशि दी जा चुकी है, वैसे उद्यमियों को ट्रेड बदलने की आवश्यकता नहीं है। 434 रिजेक्ट हुए। बता दें कि 13666 उद्यमियों में 54 ट्रेड में 7237 उद्यमी हैं, जबकि 6429 उद्यमी बाकी 48 ट्रेड में है। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने जानकारी दी कि मैन्युफेक्चिरिंग, लेदर और टेक्सटाइल से जुड़े उद्योग को बढ़ावा देने से ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित होंगे।
स्कीम के लिए चयनित कोई भी उद्यमी इस स्कीम के लाभ से वंचित नहीं होंगे। 10 लाख रुपए उन्हें सरकार देगी। udyamiuser.bihar.gov.in पर जाकर अपना ट्रेड बदल सकते हैं। अगर पहले से ट्रेड चयनित है, तो उन्हें 15 दिनों के अंदर पहले किस्त की 4 लाख रुपए मंजूर कर दी जाएगी। मॉडल डीपीआर के आधार पर पहले किस्त की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। दूसरे इंस्टालमेंट में डीपीआर के अनुसार खर्च से संबंधित इस्तेमाल के जांच के बाद ही मिलेगी। इसके तहत 60-70 फीसद परियोजना लगा तो मशीनरी और प्लांट के खरीदने में खर्च करना है।
सरकार जिन 54 ट्रेड रहने पर अनुदान देगी उसमें नैपकिंग, प्लास्टिक सामग्री बॉक्स बोटल्स, नोटबुक कॉपी फाईल फोल्डर उत्पादन, पीभीसी जूता चप्पल, स्पोर्टस जूता, रॉलिंग शटर, गेटग्रिल निर्माण, स्टील फर्निचर, आईटी बिजनेस केंद्र, बेडसीट तकिया कवर निर्माण, फ्लैक्स प्रिटिंग, कूलर निर्माण, स्टील अलमीरा निर्माण, बेकरी उत्पाद, पशु आहार उत्पादन, आटा सत्तू व बेसन उत्पाद, मुर्गी दाना उत्पादन, मसाला उत्पादन, तेल मिल, आइसक्रीम उत्पादन, कॉर्नफ्लैक्स उत्पादन, जैम जेली सॉस उत्पादन, दाल मिल, बीज प्रसंस्करण व चूड़ा उत्पादन आदि शामिल है।