बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार पर्यटन स्थल सैर कराने का मौका देगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में नए सत्र से स्कूल के बच्चों को पर्यटन स्थल घुमाने का अवसर मिलेगा। सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को शीघ्र ही इस बाबत नोटिस जारी होगी।
इस पहल से छात्र-छात्राएं ऐसे स्थलों के इतिहास, वैज्ञानिक योगदान, परंपराओं आदि से रुबरु होंगे भी, जो अब तक किताबों तक सीमित है। भारत भ्रमण की जिज्ञासा छात्रों में बढ़ेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं नई पीढ़ी देश की समृद्ध विरासत, विविधता, संस्कृति, भाषा और ज्ञान से जुड़ेगी।
बिहार के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को केंद्र द्वारा प्रायोजित एक भारत, श्रेष्ठ भारत की योजना के तहत पर्यटन स्थल घुमाने का मौका मिलेगा। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय समग्र शिक्षा अभियान के तहत राशि उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय बजट में इसे पेश किया गया है। राज्यों को मंत्रालय ने पूर्व में ही इस योजना से अवगत करा दिया है। बच्चों को पढ़ाई के साथ ही देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का सैर कराया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने पर्यटन मंत्रालय के साथ मिलकर देश के 100 स्थलों की सूची बनाई है, जहां छात्रों को भ्रमण के लिए ले जाया जाएगा। बिहार के पांच पर्यटन स्थल को इस सूची में शामिल किया गया है।
बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश को देखते हुए नए सत्र से विद्यालय के बच्चों को बोधगया, नालंदा विश्वविद्यालय एवं विक्रमशीला विश्वविद्यालय पुरातत्विक स्थल का भ्रमण कराया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को पश्चिम चंपारण के भितरहवा आश्रम और तख्तश्री हरमंदिर, पटना साहिब का सैर कराया जाएगा। बिहार के पांच पर्यटन स्थलों को केंद्र प्रायोजित एक भारत, श्रेष्ठ भारत स्कीम में शुमार किया गया है। (इस आर्टिकल में चित्रों का प्रयोग सांकेतिक रूप से किया गया हैं।)