पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने बिहार के प्राइवेट सेक्टर के 18 फार्मेसी संस्थानों को डिप्लोमा और डिग्री कोर्स संचालन की इजाजत दी है। स्वास्थ्य विभाग का अनापत्ति पत्र प्राप्त होते ही सभी 18 संस्थानों को मिलाकर और डिप्लोमा फार्मेसी की 1080 और डिग्री फॉर्मेसी 1124 सीटों पर दाखिला किया जाएगा। इस संबंध में विभाग ने आदेश भी जारी किया है। इसके अलावा संबंधित संस्थानों की लिस्ट जारी कर दी गई है।
बताते चलें कि 2 साल का कोर्स डिप्लोमा फार्मेसी का होता है। वहीं डिग्री फार्मेसी का कोर्स 4 साल का होता है। स्वास्थ्य विभाग ने जिन संस्थानों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है उसकी लिस्ट अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के साथ ही परीक्षा नियंत्रक स्वास्थ्य सेवाएं और संबंधित विश्वविद्यालयों को भी सौंपा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने जिन कॉलेजों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है उसमें मुजफ्फरपुर कालेज आफ प्रोफेशनल एजुकेशन, शुभवंती इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल एजुकेशन, प. चंपारण, रामेश्वर सिंह फार्मेसी कालेज, गया, राम प्रताप इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी, गया, राजीव कालेज आफ फार्मेसी, सीतामढ़ी, डिवाइन कालेज आफ फार्मेसी, सिवान, साईबाबा इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्युटिकल सांइसेज, मुजफ्फरपुर, गुरो बिंदा कालेज आफ फार्मास्युटिकल साइंसेज नवादा शामिल है।
इसके अतिरिक्त राज्य के एलटी कालेज आफ फार्मेसी, भोजपुर, मानव भारती कालेज आफ फार्मेसी, गया, नंद कुंवर हरिराय कालेज आफ फार्मेसी, पटना, एकेडमी आफ फार्मेसी मेडिकल एंड मैनेजमेंट स्टडीज, भोजपुर, कमला कपिलेश्वर कालेज आफ फार्मेसी, वैशाली, मगध इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन, गया, राज कालेज आफ फार्मेसी, कैमूर, आचार्य द्रुवासा कालेज आफ हेल्थ एजुकेशन, सीतामढ़ी, पटना कालेज आफ फार्मेसी और कुसुमराज इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी, पटना को सरकार ने संबंधित विषयों में दाखिला लेने के लिए अनुमति दे दी है।