अगर आपकी नौकरी किसी सरकारी विभाग या लिमिटेड कंपनी में है और वहां आपको पीएफ, ईएसआइसी जैसी सुविधाएं मिलती है, को बढ़िया है। लेकिन, आप खुद मजदूरी करते हैं या किसी कंपनी में काम करते हैं या कामगार के तौर पर मिलने वाली सुविधाओं से वंचित है, तो आपको श्रम विभाग के पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर श्रमिक कार्ड अवश्य बनवा लेना चाहिए। भविष्य में यह श्रमिक कार्ड आपको सरकार की तमाम योजनाओं से लाभ दिलाने में कारगर साबित होगा।
निर्धारित अवधि यानी 21 मार्च तक बिहार में असंगठित क्षेत्र के तीन करोड़ 49 लाख श्रमिकों का निबंधन टारगेट पूरा नहीं सका है। इसको देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने श्रमिकों का आनलाइन रजिस्ट्रेशन विस्तार करने का निर्णय लिया है। अब तक दो करोड़ 80 लाख 15 हजार श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन करवा लिया है। आंकड़े बताते हैं कि दो करोड़ 44 हजार ने वसुधा केंद्र के माध्यम से जबकि 79 लाख 62 हजार श्रमिकों ने खुद ही निबंधन किया है। निबंधित श्रमिकों में 56.14 प्रतिशत महिलाएं जबकि 43.86 प्रतिशत पुरुष हैं।
श्रमिकों के निबंधन के लिए ई-श्रम पोर्टल को जारी रखने और हर जिले में श्रमिकों के निबंधन हेतु अभियान चलाने का फैसला श्रम संसाधन विभाग ने लिया है। निबंधित श्रमिकों के आकलन से यह जाहिर होता है कि निबंधन कराने वालों में से 16 से 18 साल के किशोर भी शामिल हैं। टोटल 4.06 प्रतिशत इनकी भागीदारी है। सबसे ज्यादा निबंधन कराने वाले 18 से 40 साल के हैं, इनकी भागीदारी 65.19 प्रतिशत है।
वहीं 40 से 50 साल के 19.94 प्रतिशत श्रमिक ने निबंधन करा चुके है, जबकि 50 साल से ज्यादा उम्र वाले 10.81 प्रतिशत श्रमिकों ने निबंधन कराया है। जाति के लिहाज से सबसे ज्यादा निबंधित श्रमिकों में 57.97 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग शामिल हैं। अनुसूचित जाति के 20.28 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 4.82 प्रतिशत और जनरल कैटेगरी के 16.92 प्रतिशत श्रमिकों ने निबंधन कराया है।
इस योजना में वैसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिक या मजदूर अपना निबंधन करा सकते हैं, जिनकी आमदनी एक माह में 15 हजार रुपए से कम हो और वे राष्ट्रीय पेंशन योजना, पीएफ स्कीम या ईएसआइसी से लाभान्वित नहीं हो रहे हों। इसमें 18 से 40 साल के लोग अपना पंजीयन करा सकते हैं। घरों में काम करने वाली दर्जी, नाई, कंस्ट्रक्शन मजदूर, दाई सहित कई तरह के सेक्टरों में काम करने वाले इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।