नई तबादला नीति का लंबे वक्त से बिहार के नियोजित शिक्षक बिहार कर रहे हैं। मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक नियोजित शिक्षकों को जिला से दूसरे जगह स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में उन्हें लंबे वक्त से नई ट्रांसफर नीति का इंतजार है, ताकि उन्हें इसका फायदा मिल सके। इस संबंध में बिहार का शिक्षा विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है। नियोजित शिक्षकों को फिलहाल इसके लिए कुछ और समय का इंतजार करना होगा। नई ट्रांसफर नीति आज आने के बाद यह निर्धारित हो जाएगा कि नियोजित शिक्षकों को जिला से बाहर स्थानांतरण या उन्हें इसका लाभ मिलेगा या नहीं। यदि जिले से दूसरे जगह स्थानांतरण की सुविधा मिलती है तो उसका नियम क्या होगा।
बिहार के शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि अभी राज्य के नियोजित शिक्षकों को एक ही नियोजन इकाई के तहत स्थानांतरण हो सकेगा। माध्यमिक शिक्षा के निदेशक मनोज कुमार बताते हैं कि पुस्तकालय अध्यक्षों और शिक्षकों को तबादले हेतु पोर्टल बनाया जा रहा है। वेब पोर्टल बन जाने के बाद जिस नियोजन इकाई में शिक्षक सेवा दे रहे हैं, उसी में स्थानांतरण किया जा सकेगा। निदेशक ने आश्वासन दिया है कि तबादले का प्रोसेस इसी महीने शुरू होगा और शिक्षा विभाग के द्वारा इसके लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को खत लिखा गया है।
आंकड़े बताते हैं कि तकरीबन 50000 महिला टीचरों को प्रत्येक दिन परेशानियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। चुकी अब तक सेवा के दौरान एक बार भी हस्तांतरण का लाभ उन्हें नहीं मिल सका है। बता दें कि बीते 5 वर्ष से शिक्षक संगठन के द्वारा तबादले की मांग की जा रही है और शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में नियम भी बनाया था। इसके मुताबिक पदस्थापित रहने के दौरान शिक्षकों को एक ही बार जिले के अंदर स्थानांतरित किया जाएगा और उसमें दिव्यांग और महिला शिक्षकों को पहले मौका दिया जाएगा। सालों से महिला शिक्षक अपने घर से दूर विद्यालय में बच्चों का मार्गदर्शन कर रही है। बता दें कि फिलहाल शिक्षा विभाग जिले से दूसरे जगह तबादले वाली सुविधा देने के पक्ष में नहीं है।