बीते दिनों विभिन्न एनटीपीसी के प्लांट से उत्पादन शुरू होने के बाद बिहार को आवश्यकता अनुसार बिजली केंद्र की तरफ से आपूर्ति की जाने लगी है। अब बिहार आत्मनिर्भर हो गया है, उसे बिजली खरीदने के लिए प्राइवेट मार्केट से कोई जरूरत नहीं है। उपरोक्त बातें सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने कहीं। सीएम ने कहा कि आने वाले समय में बिहार में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था और भी बेहतर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की और काम शुरू होने जा रहा है। बिहार के 2 जिलों में 100-100 मेगा वाट के सोलर प्लांट लगाने का भी ऐलान किया।
सीएम नीतीश ने कहा कि साल 2005 में बुरे दौर से बिजली व्यवस्था गुजर रही थी। मात्र 700 मेगावाट बिजली खपत होती थी जहां अब 6700 मेगा वाट खपत हो रही है। उन्होंने कहा कि 19 किलो वाट तक का विद्युत कनेक्शन ऑनलाइन ही दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा की और हम लोग अग्रसर हो रहे हैं। बिहार सरकार राज्य के जमुई और बांका जिले में 100-100 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना करेगी। सीएम ने कहा कि बिहार पिछड़े राज्य की श्रेणी में आता है। सड़क से लेकर बिजली आदि सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वितरण कंपनियों के 325 करोड रुपए की लागत से 48 विद्युत शक्ति उपकेंद्र का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। 874 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर सात ग्रिड सबस्टेशन वितरण प्रणाली तक ट्रांसमिशन लाइन जबकि 817.35 करोड रुपए की लागत से बक्सर ताप विद्युत प्रतिष्ठान से विद्युत निकासी हेतु संचरण लाइन के निर्माण कार्य का सीएम ने शिलान्यास किया।