बिहार के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त सभी प्राथमिक स्कूलों के बच्चें भी स्कूलबंदी के समय मिड-डे-मील भोजन से लाभान्वित होंगे। जनवरी माह पूरा और फरवरी के 15 तारीख तक उनके दोपहर में मिलने वाले भोजन के अनाज और खाना पकाने के परिवर्तन मूल्य का लाभ नीतीश सरकार शीघ्र ही देगी। स्कूलों में अनाज वितरित किया जाएगा। वहीं, परिवर्तन मूल्य की राशि छात्र-छात्राओं के बैंक एकाउंट में डीबीटी के जरिए ट्रांसफर की जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया है। सूबे के 72 हजार प्राथमिक विद्यालयों के डेढ़ करोड़ बच्चों को खाद्यान्न और परिवर्तन मूल्य की राशि निर्धारित मानक के अनुरूप दी जाएगी। डीबीटी के माध्यम से सारे बच्चों के खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिया है कि खाद्यान्न वितरण के लिए जरूरी तौर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। हर गार्जियन को अनाज वितरण की पूर्व सूचना मिल सके यह सुनिश्चित करना होगा। स्कूलों के हेडमास्टरों के द्वारा खाद्यान्न वितरण पंजी के मुताबिक भोजन की योजना का मासिक प्रपत्र ‘क’ भरना सुनिश्चित करेंगे तथा ब्लॉक साधनसेवी एमआईएस में इसकी एंट्री करेंगे।
बकौल अपर मुख्य सचिव वर्ग छठीं से आठ के हर बच्चे के लिए 150 ग्राम प्रत्येक दिन एमडीएम का अनाज व 7.45 रुपए खाना पकाने की राशि तय की गई है। बता दें कि 34 दिनों के भोजन के लिए मध्य विद्यालय के पहर बच्चों के अभिभावक को 5.1 किलो अनाज और 253 रुपए इनके खाते में दिए जायेंगे।
सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के लिए वर्गवार तारीख निर्धारित कर खाद्यान्न वितरण करें। रोस्टर के मुताबिक, नामांकित बच्चों के गार्जियन को स्कूल में बुलाकर खाद्यान्न का वितरण करें। यह भी कहा गया है कि बच्चों के गार्जियन को ही खाद्यान्न वितरित करें।