बिहार के भागलपुर का सुप्रसिद्ध जर्दालू आम की मांग विदेश में भी बढ़ने लगी है। जर्दालू आम के स्वाद ने दूसरे देशों के लोगों को भी अपनी ओर खींच लिया है। आम पकने से पहले ही इसकी आपूर्ति के लिए डिमांड आ रहा है। पिछले साल आम की पहली खेप यूनाइटेड किंगडम यानी इंग्लैंड भेजी गई थी। इस बार दूसरे देशों में भी जाने की तैयारी हो रही है। इस साल ब्रिटेन के साथ ही दुबई, श्रीलंका और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में भी जर्दालू की खपत की जाएगी। केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मामले के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया है कि भागलपुर का जर्दालू आम इंग्लैंड तक पहुंचेगा।
अभी तक डिमांड के आधार पर 500 कुंटल जर्दालू आम के एक्सपोर्ट की तैयारी है। उम्मीद है कि मई के अंत तक और मांग बढ़ेगी। भारत सरकार के मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में बताया है। इस साल भी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास अथॉरिटी के सहयोग से लखनऊ होते हुए इसकी खेप भेजने की तैयारी की जा रही है। निर्यात हेतू बांका और भागलपुर जिले के 27 किसान निबंधन करा चुके हैं।
मुख्य रूप से भागलपुर, मुंगेर, जमुई और बांका जिले में जर्दालू आम के बगीचे हैं। चंपारण में भी होने वाला जर्दालू आम का स्वाद और सुगंध शानदार है। कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अभी तक 6052.79 टन जर्दालु आम का उत्पादन हो सकता है। अकेले भागलपुर और बांका जिले में 3300 टन से ज्यादा उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। डायरेक्ट भागलपुर से ही सप्लाई करने की कवायद चल रही है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि विज्ञानी कहते हैं कि इस साल यूनिवर्सिटी परिसर में पैक हाउस बनाने को लेकर प्रक्रिया शुरू करने की कवायद है। इसकी अनुमति कृषि सचिव ने दी है। राज्य सरकार द्वारा जरुरी फाइटोसेनेटरी सर्टिफिकेट की सुविधा करा दी गई है। इसे दूसरे राज्य पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। फाइटोसेनेटरी सर्टिफिकेट से यह निर्धारित होता है कि जिस देश में एक्सपोर्ट किया जा रहा है वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह ठीक है या नहीं।
बिहार उद्यान निदेशक नंदकिशोर कहते हैं कि जर्दालू आम का स्वाद लाजवाब है इसकी मिठास और रंग अनूठा होने के वजह से इसकी सबसे ज्यादा डिमांड है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कैंपस में पैक हाउस बनाने को लेकर कवायद शुरू है। राज में कार्गो केंद्र बनाने को लेकर विचाराधीन है।
बता दें कि स्वाद और विशिष्ट सुगंध के लिए राज्य के भागलपुर के जर्दालू आम को वर्ष 2018 में ही जीआई टैग प्राप्त हुआ था। राज्य के मुजफ्फरपुर की शाही लीची, मगध के पान और भागलपुर के कतरनी चावल को जीआई टैग प्राप्त है। जल्द ही मिथिला मखाना को विशिष्ट पहचान मिलने के आसार हैं।