बिहार का जमालपुर स्थित रेल इंजन कारखाना अपनी कुशलता के बलबूते एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। जमालपुर कारखाना के मुख्य कारखाना प्रबंधक सुदर्शन विजय व और प्रोडक्शन टीम की कुशल अगुवाई में वैगन पीओएच (मरम्मत) मामले में सबसे अधिक पीओएच का रिकार्ड कायम किया है, वैगन निर्माण में भी गजब बढ़ोतरी हुई है। पूर्व रेलवे के सीपीआरओ एकलव्य चक्रवर्ती ने जानकारी दी कि भारतीय रेल का एकमात्र कारखाना जमालपुर है, जो सीमित संसाधनों के बाद भी साल 21-22 में लगभग 6544 वैगन का सर्वाधिक पीओएच वार्षिक आउटपुट देने में कामयाब रहा है।
उन्होंने बताया कि 1286 हापर वैगनों का पीओएच शामिल है। गत साल के मुकाबले वैगन मरम्मत क्षमता में 29.8 टन की बढ़ोतरी रिकार्ड की गई है। आय में लगभग 76.35 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। भारतीय रेल को एक नई रफ्तार प्रदान करने में सफल जमालपुर रेलखाना सफल हुआ है। सफलतापूर्वक वर्ष 21-22 में वैगन निर्माण में टोटल 479 वैगनों का निर्माण किया, बीते साल के मुकाबले नौ प्रतिशत अधिक है। पांच सालों में सबसे अधिक रहा उत्पादन क्षमता को बतलाता है। जो जमालपुर कारखाना ने भारतीय रेल में अव्वल कारखाना का दर्जा अपने नाम किया है।
बता दें कि मौजूदा वित्तिय वर्ष 21-22 में 140 टन की की नौ पीओएच क्रेन और छह क्रेन का निर्माण किया गया है। स्क्रैप मामले में भी कारखाना ने जबरदस्त उछाल मारा है। स्क्रैप की बिक्री से कारखाना ने 76.58 करोड़ रुपये जोड़कर, तथा 13000 मीट्रिक टन के सालाना टारगेट को पार करते हुए 13257 मीट्रिक टन लौह स्क्रैप उत्पन्न किया गया। इस दफा भारतीय रेल में अव्वल कारखाना का खिताब जमालपुर ने अपने नाम दर्ज किया है।
बीते दिनों कारखाने के मुआयना के दौरान ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक अरुण अरोरा ने कहा था कि भारतीय रेल का गौरव रेल इंजन बिहार का जमालपुर कारखाना है। यह जितना प्रगति करेगा देश उतना उन्नति करेगा। कारखाने पर रेलवे बोर्ड का विशेष ध्यान है। किसी भी काम को चुनौती के रूप में पूरा करने की क्षमता है यहां के रेल कर्मचारियों में है। आने वाला दिन कर खाने के लिए सुनहरा अवसर है, भविष्य में इल्केट्रिक इंजन का हब बनने वाला है। वर्क लोड की कमी नहीं होगी।