बिहार सरकार के सात निश्चय पार्ट-टू के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत राज्य के गांवों में लगने वाले सोलर स्ट्रीट लाइट की निगरानी का जिम्मा बिजली इंजीनियर को दिया जाएगा। इस बाबत बिजली कंपनी ने इंजीनियरों की नियुक्ति की है। प्रत्येक जिला के लिए कंपनी ने सहायक अभियंता वहीं प्रखंड स्तर पर कनीय अभियंताओं को नियुक्त किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम अगले महीने यानी अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इसको लेकर ब्रेडा के स्तर पर एजेंसी चयन की प्रक्रिया को लगभग लगभग पूर्ण कर लिया गया है। नीतीश सरकार की प्राथमिकता वाली इस योजना के लिए बिजली कंपनी के अभियंताओं को देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है।
बिजली कंपनी द्वारा जिला स्तर पर पहले से बहाल सहायक अभियंता वहीं प्रखंड स्तर पर कनीय अभियंता इस योजना के क्रियान्वयन से लेकर उसकी देखरेख व रखरखाव की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। संबंधित विद्युत कार्यपालक इंजीनियरों को विभाग ने हरेक प्रखंड में एक तकनीकी कर्मी को प्रतिनियुक्त करने का आदेश दिया है। इन कर्मियों के पास आईआईटी का प्रमाण पत्र व एक साल का एक्सपीरियंस भी होना जरूरी होगा।
कंपनी के अनुसार, ऊर्जा विभाग की एजेंसी ब्रेडा के साथ ही पंचायती राज विभाग के सहयोग से सूबे के हरेक पंचायत के एक वार्ड में 20 वाट के 10 एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाए जाएंगे। प्रत्येक स्ट्रीट लाइट में रिमोट सिस्टम लगेगा, जिससे इसे सुलभता से मॉनिटरिंग किया जा सकेगा।
अवपको बता दें कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में 15वें वित्त आयोग से 75 प्रतिशत जबकि बाकी के 25 प्रतिशत राशि राज्य योजना आयोग से खर्च की जानी है। समझौते के मुताबिक चयनित एजेंसी को एलइडी उत्पादन के लिए बिहार में प्लांट लगाना होगा। एजेंसी को अपना वेयर हाउस भी राज्य में रखना होगा। सोलर स्ट्रीट लाइट के देखरेख के लिए प्रत्येक जिले में एक तकनीकी कोषांग खुलेगा।