नए वित्तीय साल यानी 2022-23 में बिहार में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के अंतर्गत ग्रामीण विभाग छह हजार किमी लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य कराएगा। वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2,500 हजार किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी।
इसके अलावा 9000 किमी लंबे गामीण सड़कों की मरम्मत व अनुरंक्षण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री जयंत राज ने विधान परिषद में विभाग के 2022-23 बजट पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से यह जानकारी सदन को दी। मंत्री के प्रस्ताव पर सदन से से 10 हजार 611 करोड़ 96 लाख रुपए का बजट ध्वनिमत से पास हो गया।
मंत्री ने कहा कि सड़क के दोनों और पौधारोपण के साथ ही जरूरी सड़क सुरक्षा मानकों का प्रावधान किया जाएगा। 12,555 किमी लंबी 1660 सड़कों का सर्वे पूरा हो गया है। कैमरा के माध्यम से ग्रामीण सड़कों का 3D इमेजिंग मुआयना कराया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता बेहतर रहे इसके लिए इंजीनियर और संवेदकों को प्रशिक्षण दिलाई जाएगी। केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छूटे हुए बंद कामों को राज्य सरकार मौजूदा स्थिति में वापस लेते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोष से पूरा करेगी। अभी तक 55201.91 किमी में से 52983.09 किमी लंबाई के ग्रामीण पथों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।
राज्य सरकार के खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सूबे में ग्रामीण क्षेत्र के 85.12 फीसद और शहरी क्षेत्र के 74.53 फीसद आबादी यानी टोटल 8.71 करोड़ लोगों को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। बुधवार को विधान परिषद में मंत्री ने बजट पर चर्चा के दौरान सदन को यह जानकारी दी। लेसी सिंह ने कहा कि कोविड के दौरान हरेक लाभुकों केंद्र सरकार पांच-पांच किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त के तौर पर दी है। लाभुकों को बायोमैट्रिक सिस्टम से अनाज दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग व अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रावासों में रह रहे छात्र-छात्राओं को कल्याणकारी संस्थानों व छात्रावास योजना के तहत हर माह माह 15 किलोग्राम फ्री खाद्यान्न जिसमें 9 किलो चावल व 6 किलो गेहूं डोर स्टेप डिलीवरी के थ्रू उपलब्ध कराने का काम जारी है। साल 2022-23 के लिए स्कीम मद में 1063 करोड़ 71 लाख रुपए और स्थापना मद में 151 करोड़ 24 लाख 28 हजार का बजट पास किया गया।