शहरी इलाके के बाद अब बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी घर-घर सूखे और गीले कचरे के लिए डस्टबिन वितरित किए जाएंगे। पंचायती राज विभाग ने प्रस्ताव बना लिया है। 15 वें वित्त आयोग द्वारा मिली राशि से डस्टबिन वितरित करने का जिम्मा वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समिति को दिया जाएगा।
पंचायत के हर वार्ड में कूड़ा उठाने के लिए एक-एक साइकिल रिक्शा यानी ठेला भी खरीदने की योजना है। कूड़े के इकट्ठे करने का काम ठेला पर होगा। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग दोनों संयुक्त रूप से लोहिया ग्राम स्वच्छता अभियान के तहत इस योजना का क्रियान्वयन करेगा।
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी है कि ग्रामीण और पंचायत स्तर पर एक कूड़ा इकट्ठा केंद्र स्थल का चयन किया जाएगा। हर घर से सूखा और गीला कचरा का अलग-अलग संग्रहण कर चयनित जगह पर लाकर रख दिया जाएगा। हर घर में दो डस्टबिन दिए जाएंगे एक नीला और दूसरा पीला कलर का होगा। कचरे के रूप में इकट्ठा किए गए प्लास्टिक को सड़क बनाने वाली कंपनी ले जाएगी, वही रीसाइकिल कर सूखे कचरे को इस्तेमाल में लाया जाएगा। गीले कचरे से जैविक खाद तैयार किया जाएगा।
मीडिया से मुखातिब होते हुए पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि हर घरों में स्वच्छता बढ़ेगी और ग्रामीण इलाके के लोगों को कई तरह की बीमारियों से निजात मिल सकेगी। योजना को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए बीडीओ और बीपीआरओ को जमा दिया जाएगा। पंचायत के मुखिया से समन्वय स्थापित कर पंचायतों की बैठक कराने को कहा जाएगा। मनरेगा योजना के तहत कचरा प्रसंस्करण प्लांट बनाया जाएगा।