यूं तो देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा की परीक्षा में बिहार के युवाओं का जलवा शुरू से ही रहा है। लेकिन कई ऐसे युवा भी है जिन्होंने जर्जर आर्थिक हालात से गुजरकर यूपीएससी में सफलता पाई है। ऐसे ही कहानी बिहार के मधुबनी से आने वाले मुकुंद कुमार की है, साधारण परिवार से आने वाले मुकुंद के पिता किसान और माता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। दुकान से इतनी आमदनी नहीं थी कि मुकुंद की यूपीएससी की तैयारी की सके। लिहाजा पिता ने जमीन बेचकर मुकुंद के पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुकुंद ने भी उम्मीदों पर खरे उतरते हुए यूपीएससी क्लियर कर परिवार के सपनों को साकार किया।
मुकुंद ने शुरुआती पढ़ाई मधुबनी के ही स्कूल से की फिर सैनिक विद्यालय गुवाहाटी में चयन हुआ। वहां से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई कंप्लीट की। बारहवीं के पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विसेस के प्रति रुचि जगी। तभी से उन्होंने यूपीएससी के परीक्षा और पैटर्न के बारे में बारीकियों से समझने लगे। अंग्रेजी ऑनर्स से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पीजीडीएवी कॉलेज से पूरी की। यूपीएससी की तैयारी दी और उन्होंने साल 2019 में यूपीएससी की परीक्षा दी।
हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग-2020 के घोषित नतीजे हुए जिसमें 761 अभ्यर्थियों को सफलता मिली। टॉप किया बिहार के ही शुभम ने। वही मुकुंद ने 54 वी रैंक हासिल कर यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाई और आईएएस अधिकारी बनकर यह बता दिया कि किसी चीज को पाने पूरी तरह से जुट जाए तो उसे पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता। मुकुंद के कामयाबी से परिवार बेहद खुश है। मुकुंद 22 साल की उम्र में आईएएस अफसर बनेंगे।