बिहार में ओला और उबर के तर्ज पर किसान ट्रैक्टर सहित दूसरे कृषि उपकरणों की ऑनलाइन बुकिंग कर उन्हें किराए पर ले सकेंगे। पहले चरण में मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत 2927 पैक्सों में कृषि उपकरण बैंक का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने 439 करोड़ रुपए आवंटन कर दिए हैं। अब तक 1803 पैक्सों में यंत्र बैंक बन गया है।
फिलहाल काम ऑफलाइन मोड में हो रहा है। लेकिन जल्द ही चुनिंदा पैक्सों में संयंत्र बैंक का निर्माण कर विशेष मोबाइल ऐप से जोड़ने की योजना है। आखरी दौर में ऐप बनाने का काम चल रहा है। इसके शुरू होने की उम्मीद 15 जुलाई तक है। ऐप के माध्यम से कोई भी किसान अपने संबंधित टैक्स में एक लेवल कृषि संयंत्र बैंक से ट्रैक्टर, लैंड लेव, हैप्पी सीडर, रीपर सहित अन्य सभी आधुनिक कृषि संयंत्रों की बुकिंग कर सकेगा। बता दें कि प्रदेश के किसानों को बेहद किफायती रेट से यह उपकरण किराए पर मिलेंगे।
इस योजना का संचालन सहकारिता विभाग कर रहा है। इसके दूसरे फेज में प्रदेश के सभी 8463 पैक्सों को जोड़ने की तैयारी है। इस योजना से प्रदेश के छोटे एवं मध्यम वर्ग के किसानों को लाभ मिलेगा। क्योंकि आर्थिक स्थिति डगमगाने के चलते किसान मांगे कृषि संयंत्र खरीदने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे में उन्हें घर बैठे ही ये संयंत्र किराए पर मिलने से सुविधा बढ़ जाएगी।
इसी साल के जुलाई से चुनिंदा पैक्सों में मोबाइल ऐप के माध्यम से कृषि संयंत्रों की बुकिंग स्टार्ट हो जाएगी। बुकिंग करने के पश्चात किसान को एक टाइम दिया जाएगा, जिसमें वे रेंट पर कृषि संयंत्र का इस्तेमाल कर पाएंगे। कृषि यंत्र बैंक में अवेलेबल संयंत्रों का किराया निर्धारित करने के लिए प्रमंडलीय स्तरीय समिति बनी है। समिति के सदस्य संबंधित पैक्स के अध्यक्ष, सहकारिता पदाधिकारी, संयुक्त निबंधक और इलाके के दो किसान होंगे। इस कमिटी का काम संयंत्रों का किराया तय करना होगा। निर्धारित किराया किसानों से वसूला जाएगा। उससे अधिक किराया पैक्स नहीं वसूल सकता है।