प्रतिकूल परिस्थिति में किसानों के फसल नुकसान होने पर सरकार की ओर से मुआवजा देने का प्रावधान है। ताकि किसानों को कम से कम वित्तीय नुकसान हो। इसी कड़ी में शुरू की गई फसल सहायता योजना में अब एक और फसल को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के किसानों को विशेष तौर पर इससे फायदा होगा। उत्तर बिहार के किसानों के लिए गुड न्यूज़ है। यहां वृहद स्तर पर लीची की खेती होती है। लेकिन कोविड पीरियड या इस तरह की अन्य स्थितियों के कारण से किसानों को काफी क्षति उठाना पड़ता था। कहा जा रहा है कि किसानों को अब काफी सुविधा होगी।
उधर, शाही लिची को बेहतर बाजार और किसानों को सुविधा दिलाने हेतु राज्य बागवानी मिशन आगे आया है। लीची के लिए विभिन्न विभाग से मिशन निदेशक नंदकिशोर ने समन्वय स्थापित किया है। बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद द्वारा उठाए गए मांग पर उन्होंने जवाब दिया है। मिशन निदेशक ने बताया है कि शाही लीची के बिहार से मुंबई ट्रांसपोर्ट हेतु पवन एक्सप्रेस ट्रेन में दो एसी पार्सल वैगन 24 मैट्रिक टन जोडऩे के लिए प्रधान मुख्य वाणिज्यक प्रबंधक, हाजीपुर से बातचीत का दौर जारी है। इसके साथ उधान के सहायक निदेशक 20 पैक हाउस के लिए किसानों से आवेदन पत्र प्राप्त कर उनको मदद करेंगे।
फसल सहायता योजना में लीची को शामिल करने के लिए सहकारिता विभाग से समन्वय स्थापित का काम जारी है। स्थानीय स्तर पर लीची में स्टिंग बग के नियंत्रण के लिए ट्रेनिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके लिए लीची अनुसंधान केन्द्र प्रशिक्षण एवं जागरूकता के लिए अभियान चला रहा है।
निदेशक ने बताया कि जीआइ टैग एवं ओडीओपी फसलों के समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य जारी है। बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि एक सप्ताह पूर्व उन्होंने राज्य निदेशालय को पत्र देकर पैकिंग, ट्रेन से भेजन की सुविधा व बेहतर बाजार की पहल, सहायता अनुदान की मांग को रखा था। निदेशक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस पहल से इस बार लीची उत्पादक को बेहद फायदा होगा। बगान में खुले मेें धूप, बारिश से समस्या होती थी। अब पैग हाउस बगान में होगा तो सुविधा मिलेगी। बीस इच्छुक किसान से बातचीत कर उसकी लिस्ट विभाग को सौंपी जाएगी