बिहार में कुपोषण की समस्या से पार पाने के लिए राज्य सरकार जून से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकान पर मिलने वाली चावल के जगह पर पोषण युक्त चावल आम लोगों को देने जा रही है। सरकार के खाद सचिव विनय कुमार ने जानकारी दी कि पोषणीय चावल वितरण योजना से राज्य में एक करोड़ 72 लाख राशन लाभुकों के परिवार को डायरेक्ट लाभ मिलेगा। प्रदेश में 56,000 जन वितरण प्रणाली के माध्यम से अगले महीने से पोषण युक्त चावल की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
पोषणयुक्त चावल की आपूर्ति को लेकर प्रदेश की सरकार ने तैयारी तेज कर दिया है। हर साथी विनय कुमार ने जानकारी दी कि राज्य में पोषणीय चावल उत्पादित होने वाले 1096 राइस मिल लग चुके हैं। केंद्र सरकार के द्वारा पोषण युक्त चावल वितरण योजना की तिथि में विस्तार करते हुए मार्च 2023 तक का समय बढ़ा दिया है। विशेष बात यह है कि प्रदेश में 10 लाख टन को पोषणयुक्त चावल बनकर तैयार हो चुका है।
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बता दें कि पोषणयुक्त चावल में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। चावल में विटामिन-बी 12, आयरन, फोलिक जैसे तत्व मौजूद रहते हैं। चावल को पोषणयुक्त बनाने के लिए उसके दानों पर विटामिन ए, फोलिक एसिड, आयरन, और विटामिन-बी 12 का लेप चढ़ाया जाएगा। मात्रा इतनी रहती है कि धोने और पकाने पर माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की उपलब्धता चावल में उपस्थित रहेगी। चावल को पोषणयुक्त बनाने के लिए प्रति केजी 15 पैसा खर्च होता है।
लाभुकों के बीच पोषणयुक्त चावल वितरण करने के लिए सरकार ठोस पहल कर रही है। खाद्य सचिव विनय कुमार के अनुसार चावल मिलों से प्राप्त पोषणीय चावल की क्वालिटी की जांच मानता प्राप्त लैब रूम में कराई जाएगी। जिन चावल मिलों में पोषणयुक्त चावल को बनाने के लिए ब्लेंडिंग प्लांट की स्थापना नहीं हो सकी है। वहां के जिले के डीएम को आदेश दिया गया है कि अपने जिले में राइस मिलों में ब्लेंडिंग प्लांट लगवाने का काम करें।