बिहार के नवादा जिले में उत्तराखंड के मसूरी हिल स्टेशन के तरह कैम्पटी फॉल’ जैसा अनुभव देने वाला ककोलत झरना के नजदीक सूरत बदलने की कवायद शुरू हो गई है। ककोलत झरना के आसपास के क्षेत्र में अब पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं बहाल की जाएंगी। इन सुविधाओं में एक्सलेटर और कैफिटेरिया जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इसे अधिक से अधिक पर्यटकों को झड़ने की सुंदरता देखने में आनंद आएगा, सैलानियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए आरामदायक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस साइट को परफेक्ट बनाने हेतु बिहार सरकार मास्टर प्लान तैयार कर रहा है। अगले गर्मी के सीजन तक यह सुविधाएं बहाल हो जाएंगी। सरकार ने इस कार्य के लिए 23 करोड़ रुपए का बजट बनाया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बन जाने के बाद झरने के नजदीक चेंजिंग रूम, पार्किंग की सुविधा, वॉशरूम और कैफेटेरिया जैसी सुविधा उपलब्ध होगी। जाने तक पहुंचने वाला सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। एक्सलेटर के सहायता से लोग सुलभता से झरने तक पहुंच सकेंगे। बीते महीने ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवादा पहुंचने के पश्चात ककोलत झरना देखने आए थे और इस जगह को पर्यटन के मुताबिक विकसित करने का आदेश दिया था।
एसडीएम रजौली के आदित्य कुमार पीयूष ने इस संदर्भ में बताया कि हमने विकास कामों के लिए रूपरेखा बना लिया है और उस पर प्रारंभ हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह एकीकृत विकास प्रोजेक्ट है जिसमें वन विभाग, जिला प्रशासन और भवन निर्माण विभाग विभिन्न खंडों को संभालेंगे।
अधिकारी कहते हैं कि इस झरने के चलते यह जगह पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन स्थानीय दबंग छवि के लोगों के चलते पूरी तरह पर्यटकों के लिए तैयार नहीं हो सका है। इसलिए इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था का पूरी तरह से सुधार होना बेहद जरूरी है। इसी के मद्देनजर झड़ने के इलाके में लगभग 10 से 12 होमगार्डों की नियुक्ति की गई है।