पूर्णिया में हवाई यात्रा शुरू करने की मांग का असर दिखने लगा है। देश और विश्व स्तर पर पुर्णिया के पहचान का रास्ता 52 एकड़ जमीन ने खोल दिया है। पूर्णिया सैन्य एयरपोर्ट के लिए दूसरे फेज में 45 जमीन मालिको से 35 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिले के डीएम राहुल कुमार के अनुसार राजस्व भूमि सुधार विभाग द्वारा मंजूरी मिल गया है। नागर विमानन मंत्रालय को जमीन हैंडोवर की जा चुकी है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी को गोअसी में अब टोटल 75 मालिकों से कुल 52 एकड़ जमीन सुपुर्द की जा चुकी है। इससे पहले सिविल एविएशन डायरेक्टोरेट को 2020 में ही 17 एकड़ जमीन सौंपी जा चुकी है। उच्च न्यायालय के आदेश पर सैन्य एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में दर्ज केस के दौरान कलेक्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद बिहार सरकार को इसकी अनुशंसा की गई थी। जमीन अधिग्रहण के लिए अधिकतम 45 दिनों की अवधि हाईकोर्ट ने तय की थी।
डीएम कुंदन कुमार ने 18 मार्च 29 मार्च को जमीन मालिकों के साथ सुनवाई की। विभाग को 2 अप्रैल को इसकी अनुशंसा कर दी गई थी। डीएम ने बताया कि भूमि राजस्व विभाग से मंजूरी मिलते ही जमीन हैंड ओवर कर दी जाएगी। बता दें कि सैन्य हवाई अड्डा में टर्मिनल बिल्डिंग और सिविल इनक्लेव निर्माण के लिए 52 एकड़ भूमि की जरूरत है। दो केस की सुनवाई होने के बाद 17 एकड़ भूमि पहले ही नागरिक संचार डायरेक्ट को हैंडओवर कर दिया गया है।सात विभिन्न केस की सुनवाई कर 35 एकड़ भूमि उन्हें उपलब्ध कराई गई है।
बता दें कि पूर्णिया हवाई अड्डा का मामला उच्च सदन में जदयू के सांसद संतोष कुशवाहा और राज्यसभा में सांसद मनोज कुमार झा ने उठाया था। हवाई सेवा शुरू करने की मांग पर नागरिक उड्डयन मामले के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा आश्वासन दिया गया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही कार्य शुरू होगा।
पूर्णिया एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू हो जाने के बाद कोसी और सीमांचल के 7 जिलों के लोगों की ख्वाहिश पूरी हो जाएगी। यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए बागडोगरा या दरभंगा जाना पड़ता है। समय के साथ पैसे भी ज्यादा खर्च होते हैं। पूर्णिया हवाई अड्डा के शुरू होने से शहर के विकास को नई रफ्तार मिलेगी।