बिहार के निवासी और मुंबई में काम कर रहे 21 उद्योगपतियों ने गुरुवार को उद्योग विभाग के शीर्ष अफसरों से मुलाकात की। इन लोगों ने राज्य के ढाका, मोतिहारी और अन्य दूसरी स्थानों पर नई कपड़ा फैक्ट्रियां लगाने की इच्छा व्यक्त की है। इस संदर्भ में एक कार्ययोजना प्रस्तुत की है। उद्योग विभाग के अफसरों ने उन्हें जानकारी दी कि बिहार में टेक्सटाइल क्षेत्र में काफी संभावना है।
इस संबंध में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पोंड्रिक ने अपने ट्विटर हैडल पर जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक उद्यमियों को राज्य की टेक्सटाइल निवेश से संबंधित पॉलिसी भी पसंद आयी है। इस नीति के तहत बिहार में लगने वाली होने वाले निजी सेक्टर की टेक्सटाइल प्लांट में काम करने वाले मजदूरों को सरकार 5000 रुपये तक हर माह तन्खवाह देगी।
बता दें कि इसमें अर्ध कुशल को 3000, पूर्ण कुशल श्रमिक को 5000 और कुशल को 4000 रुपये तक तन्खवाह देगी। यह उनके फर्म के द्वारा तय वेतन के अलावा होगा। इसके अलावा रोजगार अनुदान, पूंजीगत अनुदान, बिजली अनुदान, पेटेंट अनुदान, भाड़ा अनुदान सहित कई तरह के प्रोत्साहन देने का ऐलान किया गया है। बिहार के अफसरों ने उन उद्यमियों को जानकारी दी कि बिहार में देश के टेक्सटाइल कुशल मजदूरों में 60 प्रतिशत अकेले बिहार के हैं। ज्यादातर कुशल श्रमिक हैं।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 39 जीविका दीदियों ने 900 से ज्यादा औद्योगिक स्टिचिंग मशीनों और उपकरणों के लिए ऑर्डर दिये हैं। इनके माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र मुजफ्फरपुर में एकीकृत बैग निर्माण प्लांट स्थापित की जानी है। इनके लिए बाजार और कच्चे माल का सर्वेक्षण किया गया है। उम्मीद है कि यह यूनिट 22 दिसंबर को प्रारंभ हो जायेंगी।