बिहार में उद्योग धंधे स्थापित करने वाले कारोबारियों के लिए गुड न्यूज़ है। अब राज्य में नया कारखाना खोलने के लिए पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा। श्रम संसाधन विभाग द्वारा बनाई गई संहिता में यह प्रावधान किया गया है। इसके लिए संचालक को कारखाना खोलने के 60 दिनों के अंदर पंजीकरण करवा लेना होगा।
निर्धारित अवधि में पंजीकरण नहीं करवाने पर संचालकों को विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा। अधिकारियों के मुताबिक कोरोना जैसे प्रतिकूल समय में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के मकसद से विभाग ने यह फैसला लिया है।
सरकार ने साफ शब्दों में स्पष्ट किया है कि कारखाना लगाने पर पंजीकरण शुल्क नहीं भुगतान करना होगा। लेकिन कारखाना से जुड़ी हुई तमाम जानकारी सरकार को सौंपना होगा। संचालक को दो महीने यानी 60 दिनों के भीतर पंजीकरण करवाना होगा अन्यथा विलंब शुल्क देने होगा। विभाग ने विलंब शुल्क के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित की है। कर्मचारियों की संख्या और दिन के हिसाब से विलंब शुल्क का निर्धारण किया गया है। अगर कोई कारखाने में 10 से कम स्टाप होंगे तो ऐसे उद्यमियों को पंजीकरण कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
10 से ज्यादा और 49 कामगार से कम वाले फैक्ट्री संचालक अगर निर्धारित समय में पंजीकरण नहीं करवाते हैं तो 90 दिनों तक उनसे 10 हजार, 180 दिनों तक 25 हजार, जबकि छह महीने से ज्यादा समय होने पर एक लाख रुपए विलंब शुल्क भरना होगा। 50 से ज्यादा और 100 से कम कामगारों वाले कारखाना संचालकों को 90 दिनों तक 10 हजार, 180 दिनों तक 25 हजार, जबकि छह महीने से ज्यादा होने पर दो लाख रुपए विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा। ( इस आर्टिकल में प्रयोग किए गए चित्र प्रतीकात्मक हैं।)