बिहार में पर्यटन व्यापारियों के लिए गुड न्यूज़ है। कोरोना काल लॉकडाउन के वजह से गया एयरपोर्ट पर लगभग दो वर्ष के बाद बंद अंतरराष्ट्रीय विमानों की आवाजाही फिर से शुरू होने की उम्मीद जग गई है। यहां अप्रैल और मई माह में म्यांमार और वियतनाम से स्पेशल चार्टर्ड विमानों का आना शुरू हो गया है। दोनों मुल्कों से 1एकदर्जन से अधिक चार्टर्ड विमान विदेशी पैसेंजर्स को लेकर गया आ चुकी है। इसी बीच जून माह की प्रचंड गर्मी के बावजूद थाईलैंड से गुरुवार को एयर एशिया का फ्लाइट 173 यात्रियों को लेकर गया लैंड किया।
कोविड काल के दो साल के बाद विदेशी पर्यटकों को लेकर गुरुवार को एयर एशिया का विमान गया एयरपोर्ट पर लैंड किया। थाईलैंड के सैलानियों को देख यहां पर्यटन से जुड़े लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की। ऐसा इसलिए क्योंकि टूरिस्ट सीजन में सबसे ज्यादा पर्यटक थाईलैंड से ही बोधगया आते हैं। जिससे बोधगया के पर्यटन व्यापारियों को नई उम्मीद जग गई है।
अंतरराष्ट्रीय विमानों की उड़ानों के संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके बाद विदेशी विमानन कंपनी और पैसेंजर्स को कई प्रतिबंधों से राहत मिलेगी। अब विदेशी विमानन कंपनी डायरेक्टर स्पेशल विमान लेकर यहां आ सकते हैं। इससे पूर्व किसी चार्टर्ड विमान की लैंडिंग के लिए प्रतिबंध की वजह से स्थानीय प्रशासन,, सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से क्लीयरेंस लेना होता था। अब इसमें राहत दी गई है जिसके बाद विदेशी चार्टर्ड विमान की आवाजाही में बढ़ोतरी होगी।
अक्टूबर माह से गया हवाई रुट पर अंतरराष्ट्रीय विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा। अक्टूबर से वियतनाम की विमानन कंपनी विजेट निरंतर सेवा शुरू करने जा रही है। सप्ताह में 3 दिन यह सेवा उपलब्ध होगी। एयरपोर्ट के निदेशक बंगजीत साहा बताते हैं कि मार्च व अप्रैल माह में मामा और वियतनाम से दर्जनों चार्टर्ड विमान आ रही है। विदेशी विमानों का परिचालन अक्टूबर महीने से नियमित जल्द ही शुरू हो जाएगा। बहुत जल्द उड़ानों का समय सारणी जारी किया जाएगा।
बता दें कि बिहार में नालंदा, वैशाली, राजगीर, गया पर्यटन स्थलों पर काफी हद तक पर्यटन उद्योग विदेशी सैलानियों पर आश्रित है। कोरोना के कारोबारियों को काफी क्षति हुआ था। अब एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय विमान के शुरू होने से विदेशी सैलानियों की पहुंचने की उम्मीदें और बढ़ गई है। मालूम हो कि हर वर्ष बड़ी तादाद में विदेशी सैलानी यहां आते हैं। लंबे समय तक यह सैलानी बौद्ध मठों में अध्ययन के लिए रुकते हैं। आय का एक प्रमुख स्रोत विदेशी पर्यटक पर्यटन उद्योग के लिए होता है।