बिहार के 9 शहरों का कायाकल्प करने की कवायद शुरू हो चुकी है। सूबे के 9 शहरों के मास्टर प्लान बनाने के लिए काउंसलेट चयन का काम शुरू हो गया है। 17 जनवरी तक इच्छुक कंसल्टेंटों से नगर विकास एवं आवास विभाग ने सुनियोजित विकास के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगा है। 18 जनवरी के दिन आवेदकों की जांच की जाएगी और मास्टर प्लान बनाने वाली एजेंसी का चयन उसी दिन किया जाएगा। 9 शहरों को तीन ग्रुप में बांटकर 3 एजेंसी चयन करने की तैयारी है।
पहले ग्रुप में सीमांचल के तीन शहर शामिल है जिसमें अररिया, फारबिसगंज और खगड़िया है। दूसरे ग्रुप में दक्षिण और मध्य बिहार के तीन शहर भभुआ, लखीसराय और जमुई है। तीसरे ग्रुप में उत्तरी बिहार के तीन शहर शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी है। इन 9 शहरों के निकाय क्षेत्र के साथ ही आसपास के राजस्व गांव को भी शामिल करने की योजना है जिनकी आबादी निकाय क्षेत्र से ठीक सटी हुई है। इन इलाकों में हर वो सारी सुविधाएं बहाल की जाएगी जो निकाय क्षेत्र में होती है।
बता दें कि इससे पूर्व में राज्य के 11 शहरों के जीआईएस आधारित मास्टर प्लान बनाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है जिसमें बक्सर, किशनगंज, कटिहार, सासाराम, डेहरी ऑन सोन, मोतिहारी, औरंगाबाद, हाजीपुर, सीवान, बेतिया और बगहा शामिल हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा है कि राज्य के सभी शहरों में आवश्यक नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने पर काम हो रहा है। आम लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मास्टर प्लान के अनुसार ही शहर का विकास किया जाएगा। कौन सी भूमि किस उपयोग में लाई जाएगी इसी से ही निर्धारित होगा। इसके तहत आवासीय, व्यावसायिक, पब्लिक, सेमी पब्लिक, औद्योगिक, अर्बन एग्रीकल्चर और कंजरवेशन लैंड तय होंगे। आबादी के अनुसार सेटलाइट टाउन विकसित किए जाएंगे। बता दें कि पटना महानगर के 1167 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के मास्टर प्लान 2021 के क्रियान्वयन का काम जारी है।