केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट से यह जानकारी हुआ कि बिहार के 9 जिलों के पानी में यूरेनियम की मात्रा तय सीमा से ज्यादा है। सीजीडब्लूबी ने प्रदेश में पानी की गुणवत्ता नापने के लिए अलग-अलग जिलों से पानी के नमूने लिए थे। ज्यादातर जिलों में यूरेनियम की मात्रा वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मानक 30 पीपीबी भीतर है। सीजीडब्लूबी ने बिहार से 634 नमूने लिये थे, जिनमें 11 में यूरेनियम 30 पीपीबी से ज्यादा मिले। जिन जिलों में यूरेनियम 30 पीपीबी से ज्यादा मिले वे हैं भभुआ, सारण, नवादा, खगड़िया, शेखपुरा, मधेपुरा, किशनगंज, पूर्णिया और बेगूसराय।
केंद्रीय भूजल बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि ज्यादा यूरेनियम वाले नमूने को जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है। इसके लिए बोर्ड जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सहयोग मांगी है। दोनों संस्थान एक साथ मिलकर यूनियन के विषय में पता लगाएगी। बता दें कि प्रदेश में यूरेनियम का पहले भी सर्वे हुआ है। यूनिर्वसिटी ऑफ मैनचेस्टर एवं महावीर कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट किया था, जिसमें गोपालगंज, सुपौल, सारण, सीवान, नालंदा, पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद और गया से लिये नमूने में यूरेनियम मिले थे।
तर मात्रा से ज्यादा यूरेनियम शरीर में जाने से किडनी की बीमारी उत्पन्न हो सकती है. वहीं, यूरेनियम वाले जल के इस्तेमाल से रक्त कैंसर, थाइराइड कैंसर, बोन मैरो डिप्रेशन और अन्य तरस की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इससे बच्चों को कैंसर होने का डर रहता है। जहां 30 पीसीबी से ज्यादा यूरेनियम मिले हैं उनमें सारण बरहड़िया तरवाड़ा 34, खगड़िया खगड़िया दुर्गापुर 31, भभुआ नुवान नुवान 32, मधेपुरा चौसा अभ्यटोला 33 नवादा कौआकोल रुपाऊ 40, मधेपुरा बिहारीगंज उदयकिशनगंज 31 पूर्णिया कसबा कसबा 32, शेखपुरा बरबीघा कोइरीबिगहा 31 शामिल है।