बिहार के 5 जिलों में सड़कों का जाल बिछेगा। आने वाले डेढ़ साल के भीतर इन जिलों में 1800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा। उग्रवाद प्रभावित इन 5 जिलों में सड़क निर्माण के लिए रोडमैप तैयार हो गई है। क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा हो इसके लिए पथ निर्माण विभाग कोशिश में जुटी हुई है कि इन जिलों में तय समय के भीतर सड़कों का निर्माण पूर्ण हो जाए। जिन पांच जिलों में सड़कों का निर्माण होगा उसमें औरंगाबाद, गया, बांका, जमुई और मुजफ्फरपुर है।
अरसा पहले बिहार के इन 5 जिलों को उग्रवाद प्रभावित जिलों की कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसलिए इन जिलों में सड़क का निर्माण वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र पथ विकास योजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) के अंतर्गत होगा। अधिकारियों की मानें तो तीन चरणों में इन जिलों में सड़क बनाने का काम हो रहा है। पहले फेज में 64 अदद पथ पैकेज की स्वीकृति दी गई है। इसके तहत टोटल 1038 किलोमीटर लंबी सड़क व 39 पुल का भी निर्माण होगा।
बता दें कि साल 2007 में ही इनपथ परियोजनाओं की मंजूरी प्राप्त हुई थी। अब तक इसमें से 903 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम पूरा हो गया है। 19 पुलों के निर्माण भी पूरे हो गए हैं। बाकी के सड़क व पुलों का निर्माण अगले साल यानी 2023 के मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार ने दूसरे चरण में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 50 पथ पैकेज की मंजूरी दी। इस फेज में टोटल 589.66 किलोमीटर लंबी सड़क के साथ ही 27 पुल पैकेज की भी मंजूरी दी गई।
बता दें कि इन परियोजनाओं को पूर्ण करने में टोटल 1034.06 करोड़ खर्च होने हैं। इस चरण के तहत अब तक टोटल 282 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम पूरा हुआ है। बाकी का काम 2023 के मार्च तक पूरा करना है। तीसरे चरण में मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक्स्ट्रा 11 पथ पैकेज की स्वीकृति मिली है। इसके तहत 189.20 किलोमीटर लंबी सड़क और एक पुल बनना है। इस परियोजना पर 265.36 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। पुल व सड़क निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। विभाग इस कोशिश में जुटी हुई है कि आने वाले 18 महीने के भीतर सड़क निर्माण का काम पूर्ण किया जाए।