भारत सरकार ने बिहार के सहरसा व कटिहार, गोपालगंज और दरभंगा में एफएम रेडियो स्टेशन खोलने को मंजूरी दी है। सबसे ज्यादा क्षमता वाला स्टेशन सहरसा में खुलेगा। यहां 10 किलोवाट की कैपिसिटी होगी जिससे 70 से 80 किमी के रेंज में लोग एफ एम रेडियो का आनंद ले सकेंगे। फिलहाल सहरसा के दिवारी में सौ वाट का एफएम रेडियो स्टेशन कार्य कर रहा था जिससे सहरसा के एक किलोमीटर के रेंज के लोग आनंद उठा रहे थे। शहर के लोग इस सुविधाओं से आनंदित थे। सहरसा रेडियो स्टेशन के खुले जाने से मधेपुरा, खगड़िया, सुपौल, दरभंगा सीमावर्ती एरिया के लोग लाभान्वित होंगे।
वहीं कटिहार 5 किलोवाट कैपिसिटी का एफएम रेडियो स्टेशन खुलेगा। जिससे 20 किमी के रेंज के लोग एफएम रेडियो का आनंद ले सकेंगे। दरभंगा में 5 किलोवाट की कैपिसिटी वाला एफएम रेडियो स्टेशन स्थापित करने का प्लान है। जिससे 20 किमी के रेंज लोगों को लाभ होगा। वहीं गोपालगंज में एक किलोवाट कैपिसिटी वाला एफएम रेडियो स्टेशन खुलेगा। जिससे 5 किमी के रेंज के लोगों को लाभ होगा। बता दें कि साल 2021 में भारत सरकार ने दूरदर्शन केंद्रों को ठप कर दिया था। तीन चरणों में अधिकांश केंद्रों पर पाबंदी लगा दी गई थी। जिसमें सहरसा व अन्य दूरदर्शन केंद्र शामिल थे।
सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि सहरसा के दिवारी स्टेशन में दूरदर्शन केंद्र ठप होने के पश्चात से एफएम रेडियो स्टेशन स्थापित करने के लिए कोशिश कर रहा था। सहरसा में 10 किलोवाट की क्षमता वाला एफएम रेडियो स्टेशन खुलेगा। जिसके निर्माण में 9 करोड़ 62 लाख की लागत आएगी। इस पर लोग गाना और समाचार सुन सकेंगे। इसकी क्षमता 60 से 70 किमी तक होगी।
कटिहार, सहरसा एफएम रेडियो स्टेशनों की कैपिसिटी बढ़ाने की आवश्यकता है। दूरदर्शन के एक अफसर के अनुसार सहरसा की कैपिसिटी 30 किलोवाट तक की जानी चाहिए जिससे नेपाल के रेडियो का सीमावर्ती इलाकों में टक्कर दी जा सके। वहीं कटिहार की कैपिसिटी 10 किलोवाट करने की आवश्यकता थी। जिससे बांगलादेश के रेडियो के प्रचार प्रसार पर लगाम लगाया जा सके। यह मुल्क की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
बता दें कि एफएम रेडियो स्टेशन खोलने में करोड़ों रुपए की लागत आएगी। सहरसा में एफएम रेडियो स्टेशन खुलने में 9 करोड़ 62 लाख रुपया, गोपालगंज में 9 करोड़ 15 लाख, दरभंगा में 10 करोड़ 48 लाख और कटिहार में 8 करोड़ 47 लाख रुपए रुपए खर्च आएंगे। इस प्रोजेक्ट के शीघ्र शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है। अगले वर्ष तक काम पूरा कर स्टेशन शुरू करने की तैयारी है।