बिहार के 28 जिलों की सड़कों को बाढ़ व भूकंपरोधी बनाया जाएगा। पथ निर्माण विभाग ने जीआईएस मैपिंग के अनुरूप पर इन 28 जिलों की क्रिटिकल प्रोफाइल तैयार की है। सड़क सुरक्षा ऑडिट के लिए विभाग ने 28 जिलों को दो समूहों में बांटा है। पहले समूह में राज्य का अररिया, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और किशनगंज समेत 10 जिलें शामिल है। दूसरे समूह में भागलपुर, बांका, कटिहार समेत 18 जिलें शामिल है।
संबंधित जिलों को अभियंता प्रमुख ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप के गाइडलाइन को लागू करने का आदेश दिया है। कार्य प्रबंधन के अभियंता प्रमुख हनुमान प्रसाद चौधरी ने एनएच, एनएचएआई, पथ विकास निगम व मोर्थ के अभियंताओं को आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप से संबंधित तमाम निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है। चौधरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र को दो समूहों में बांटा गया है। इनमें री-साइलेंट विलेज और री-साइलेंट क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर हैं।
बाढ़ को ध्यान में रखकर री-साइलेंट विलेज वर्ग में सड़क सुरक्षा ऑडिट कराना और यह निर्धारण करना है कि बाढ़ प्रवण जिलों में बनने वाली सभी रोड बाढ़ रोधी हों। बाढ़, भूकंप और सड़क दुर्घटना के दृष्टिकोण से सभी प्रमुख पुलों की सुरक्षा ऑडिट हो। सभी पुल को भूकंपरोधी करना है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मकसद से यह आदेश दिया गया है कि घनी आबादी के बीच से होकर गुजरने वाली सभी नेशनल हाईवे, एसएच और एमडीआर में सुरक्षा चिह्नों व सुरक्षा मानकों का प्रावधान किया जाए, इससे पैदल चलने वालों और कम स्पीड से चलने वाले गाड़ियों को सूलभता हो।
पहले समूह में अररिया, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, शिवहर और सीतामढ़ी (भूकंप जोन-5) और दूसरे समूह के भागलपुर, बांका, कटिहार, खगड़िया, पूर्णिया, बेगूसराय, भोजपुर, गोपालगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, सारण, समस्तीपुर, शेखपुरा, सिवान, वैशाली व पश्चिम चंपारण (भूकंप जोन-4) जिलों को लिस्ट में शामिल किया गया है। आरसीडी के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह का कहना है कि अभियंता प्रमुख का पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र के दिशा निर्देश के अनुसार आगे का प्लान बनाया जा रहा है।