भूमि सर्वे का काम बिहार के 18 जिलों में शुरू हो गया है। राजधानी सहित सूबे के 18 जिलों में भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त का काम शुरु कर दिया है। गत दिनों भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक जय सिंह ने संबंधित जिलों के कलेक्टर को सर्वे के पूर्व किए जाने वाले कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया था। बताते चलें कि जिन जिलों में भूमि सर्वे हो रहा है, वहां निदेशालय द्वारा शिविर लगाया जाएगा। यहीं से पूरे काम की निगरानी होगी।
बता दें कि पहले फेज में 20 जिलों में सर्वे का काम शुरू हुआ था। इन जिलों में सर्वे का काम पूर्ण होने के पश्चात सरकार ने बाकी के 18 जिलों में काम शुरू कर दिया है। अब राज्य के राजधानी पटना समेत जिन जिलों में सर्वे का काम शुरू हुआ है उसमें मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, कैमूर, बक्सर, वैशाली, रोहतास, भोजपुर, सारण, दरभंगा, औरंगाबाद, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, समस्तीपुर व नवादा शामिल है।
मालूम हो कि सर्वे शुरू होने से पूर्व विभाग ने जमीन का हवाई सर्वे भी किया है। इस आधार पर जमीन का नक्शा तैयार कर राज्य मुख्यालय ने जिला मुख्यालय को सौंपा है। नक्शा मिलने के बाद सर्वे का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। बता दे की जमीनों का सर्वे सभी प्रकार से हो जाने के बाद जमीन विवाद के निपटारे में मदद मिलेगी। कौन सी जमीन किसकी है, यह भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। लोगों के जमीन के कागजात भी पक्के होंगे। वहीं, भूमि विवाद को लेकर होने वाली अपराधिक घटनाओं में कमी आएगी।
बता दें कि जिले के हर ब्लॉक में सार्वजनिक जगहों पर कैंप लगाकर सर्वे शुरू किया गया है। कैंप में जमीन के कागजात उनके मालिकों से मांगे जाएंगे। फिर कागजों की जांच कर कागज पर जमीन उनके नाम पर चढ़ा दिया जाएगा। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए कैंप में स्पेशल कानूनगो और अमीन की नियुक्ति की गई है। सर्वे के समय आम नागरिकों से सरकारी सार्वजनिक भूमि से जुड़ी हुई जानकारी भी लिया जाएगा। सभी तरह के जमीनों की सर्वे होगी।