केंद्र सरकार बिहार के 14 शहरों में बाईपास रोड बनाएगी। फिलहाल इन सड़कों के बीच से नेशनल हाईवे गुजरती है। शहर के मध्य में जाम में फस जाने के चलते वाहनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रदेश सरकार की अपील पर केंद्र सरकार ने इन शहरों से होकर गुजरने वाली रोड के विकल्प के रूप में 92 किमी नई बाईपास रोड बनाने को स्वीकृति दी है।
राष्ट्रीय राजमार्ग को देखने वाले अपने विभाग के अफसरों को पथ विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने बाईपास रोड बनाने के प्लान को भारत सरकार को भेजने का आदेश दिया था। उसके बाद इस साल की राष्ट्रीय राजमार्ग की सालाना योजना में इन बाईपास रोड के निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार को दिया गया। योजनाओं को मंजूर करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है।
साथ ही आदेश दिया गया है कि यह जल्द से जल्द निर्माण शुरू करने के लिए मंत्रालय को इस्टीमेट सौंपे। 2087 करोड़ की राशि खर्च कर प्रदेश के 14 शहरों जहानाबाद, चौसा, बक्सर, जंदाहा, कटिहार, अरवल, बांका, सुपौल, शेखपुरा, कटोरिया, पंजवारा, जमुई, सिकंदरा और खैरा शहरों में बाईपास बनेंगे। इसमें कटिहार में चार लेन चौड़ा बाईपास होगा। उधर प्रदेश सरकार भी अपने कोष से कई शहरों में बाईपास का निर्माण कर रही है। सात निश्चय-2 के अंतर्गत ‘सुलभ संपर्कता’ स्कीम के रुप में बाईपास निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। पहले फेज में टू लेन चौड़ाई वाले आठ बाइपास निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
भारत सरकार ने प्रदेश की 2172 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों एवं 3.75 किमी लंबी कई पुलों के बनाने की स्वीकृति दी है। कुल 1603 करो रुपए की लागत से 84 पुलों और 280 सड़कों का निर्माण होगा। केंद्र सरकार 953 करोड जबकि प्रदेश सरकार 650 करोड़ खर्च करेगी। इन सड़कों के बनाने का फैसला सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लिया है। प्रदेश के ग्रामीण मामले के मंत्री जयंत राज कहते हैं कि राज्य के विकास में इन सड़कों के बन जाने से मदद मिलेगी।
विभाग के मंत्री जयंत राज ने बताया कि प्रदेश में पूर्व से बनी सड़कों का मेंटेनेंस तेजी से हो रहा है। नई मेंटेनेंस नीति के तहत सभी एग्जीक्यूटिव अभियंताओं को आदेश दिया गया है कि बाढ़ संभावित क्षेत्र में पूरी तैयारी रखें एवं साथी व्यस्त होने पर बिना देर किए मोटरेबुल करें। बाढ़ के दिनों में इस काम में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।