बिहार में रोगियों के उपचार और मेडिकल की पढ़ाई को लेकर सरकार लगातार ध्यान दें रही है। आने वाले 5 सालों में बिहार सरकार 13 नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निर्माण करने जा रही है। इसके बन जाने से राज्य के 26 जिलों में 33 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हो जाएंगे। मौजूदा समय में 13 जिलों में 12 सरकारी और आठ प्राइवेट कुल 20 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही है। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में पूर्वी चंपारण और मुंगेर में मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु 1207 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है।
बता दें कि वर्तमान में बिहार के मेडिकल कॉलेज में कुल 2540 एमबीबीएस की सीटों पर दाखिला होता है। 13 नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बनने के बाद लगभग साढ़े चार हजार एमबीबीएस की सीट हो जायेगी। वहीं रोगियों के बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगभग 20 हजार बेड हो जाएगी। इन सभी मेडिकल कॉलेज के संचालन हेतु बिहार में अपना मेडिकल यूनिवर्सिटी भी बनाया जाएगा।
पटना जिले में सबसे ज्यादा छह मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं। सहरसा और गया में दो-दो इसके अतिरिक्त भागलपुर, कटिहार, मुजफ्फरपुर व , मधेपुरा, मधुबनी, किशनगंज, दरभंगा, बेतिया (पश्चिम चंपारण), पावापुरी (नालंदा), और सासाराम में एक-एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हैं।
जिन 13 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना होने वाली है, उनमें जमुई, बक्सर, छपरा (सारण), समस्तीपुर, पूर्णिया, महुआ (वैशाली), सीवान, आरा (भोजपुर), सीतामढ़ी, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और मधुबनी शामिल है। 5540 करोड़ की राशि खर्च कर पटना मेडिकल कॉलेज का पुनर्निर्माण जारी है। इसके बाद यह भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हॉस्पिटल बन जाएगा।
बता दें की योजना है कि नए स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एमबीबीएस की 150-150 सीटों पर दाखिला लिया जाए। साथ ही प्रत्येक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चरणवार तरीके से 500 से 1000 बेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए। दूसरी ओर, छह एम्स में फैमिली मेडिसिन का पीजी कोर्स शुरू करने को लेकर भारत सरकार मंथन कर रही है।