बिहार के कई बड़े शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा। ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए सूबे के एक दर्जन बड़े शहरों की ट्रैफिक समीक्षा किया जाएगा। समीक्षा के दौरान शहर की आबादी, गाडिय़ों की क्षमता, जाम लगने वाले क्षेत्र, पुलिस बल व इंफ्रास्ट्रक्चर पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सड़क सुरक्षा पर बल दिया जाएगा ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। पहले फेज में प्रमंडलीय मुख्यालय वाले शहरों को चयनित किया गया है। फिर दूसरे शहरों का नंबर आएगा।
ट्रैफिक आइजी एमआर नायक ने समीक्षा का काम शुरू कर दिया है। बीते सप्ताह ही सारण में समीक्षा बैठक किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य के पटना, गया, भोजपुर, सारण, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर व दरभंगा जैसे शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था का समीक्षा बैठक किया जाना है। बता दें कि शहरीकरण के साथ ही गाड़ियों का लोड भी अधिक हो रहा है। राज्य के पुराने सड़को की स्थिति दयनीय है, दशकों पुरानी सड़कों पर कई गुना ज्यादा गाड़ियों का आना जाना हो रहा है। ऐसे में छोटे शहरों में भी जाम की समस्या सामान्य बात हो गई है।
ट्रैफिक व्यवस्था के दौरान सुधार के लिए शहरों के मुख्य चौक-चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की तैयारी है। विभाग ने मुख्य जगहों से प्रस्ताव भी मांगा है। साथ ही ट्रैफिक पुलिस बल बढ़ाने की भी योजना है। इस पर विचार किया जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीक से ट्रैफिक पुलिस को लैस करने पर काम शुरू हो गया है। नालंदा भागलपुर और पटना कई शहरों में पुलिस को बाडी वार्न कैमरा और स्पीड गन जैसी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। दूसरे शहरों के लिए भी पुलिस आधुनिकीकरण योजना से उपकरणों की खरीद की जाएगी।