पूर्व मध्य रेल के पटना जंक्शन सहित 69 रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधा देने की कवायद शुरू हो चुकी है। इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधा बहाल की जाएगी। योजना के मुताबिक 2023 तक पुनर्विकास करने का लक्ष्य है। 2023 में सेमी हाई स्पीड और निजी ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकास करने की कवायद चल रही है। बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को रीडिवेलप किया गया है। पूर्व मध्य रेल के गया जंक्शन पर भी डेवलपमेंट का काम जारी है। पटना जंक्शन पर इन दिनों एग्जीक्यूटिव लाउंज का कार्य जारी है।
इसके अलावा वेटिंग रूम और डोरमेट्री को नए सिरे से पुनर्विकास किया गया है। खबर के मुताबिक, एक-एक कर चयनित सभी स्टेशनों को पुनर्विकास कर एयरपोर्ट जैसी सुविधा बहाल करने की योजना रेलवे की है। पूर्व मध्य रेल के अधिकारी बताते हैं कि पूर्व मध्य रेल के 55 स्टेशनों को एयरपोर्ट स्टैंडर्ड के तरह डेवलपमेंट करने का आदेश दिया था, जिसमें 14 स्टेशन को और जोड़ा गया है। इस हिसाब से पूर्व मध्य रेल के 69 रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधा बहाल की जाएगी। 55 स्टेशनों पर काम अंतिम चरण में है।
निजी कंपनियों के हाथ रेलवे स्टेशनों के खाली पड़े बाहरी कैंपस को सौंपा जाएगा जिसमें मल्टीफंक्शनल कॉप्लेक्स का निर्माण होगा। इसमेें कमरे को वातानुकूलित बनाया जाएगा। कांपलेक्स में शॉपिंग मॉल भी रहेगा। प्राइवेट कंपनियों को प्लेटफार्म की साफ-सफाई, पार्किंग व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, रेलवे पूछताछ काउंटर व अन्य कार्यों को सौंपा जाएगा।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी के माध्यम से रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधा से लैस किया जाएगा। अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं में भीड़-भाड़ से बचने के लिए गैर-विरोधी प्रवेश-निकास, यात्रियों के आगमन-प्रस्थान के लिए अलग-अलग द्वार, हर प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट और एस्केलेटर, प्लेटफॉर्म के ऊपर भीड़ की स्थिति नहीं हो, आवश्यक सुविधाएं, खानपान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट जैसी सुविधाएं रहेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व मध्य रेल के पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, पटना साहिब, पाटलिपुत्र जंक्शन, दानापुर, आरा, बक्सर, गया जंक्शन, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय व अन्य स्टेशनों का चयन कर स्टेशन परिसर में खाली व बेकार पड़ी जमीन को इस्तेमाल में लाने की योजना पर रेलवे काम कर रहा है। निजी कंपनियों के हवाले खाली जमीन सौंप कर यात्री सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी।