बिहार सरकार के जल संसाधन सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री संजय कुमार झा बीते दिन दरभंगा में बाढ़ सुरक्षा से जुड़ी कई योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। समारोह में मंत्री ने कहा कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को वृस्तित कर दरभंगा और समस्तीपुर जिले के नए इलाके में सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने पर मंथन चल रहा है। इसके लिए विस्तार रूप से कार्य योजना तैयार कर ली गई है। भविष्य में नहर प्रणाली में 1193 क्यूसेक एक्स्ट्रा जलश्राव के साथ तकरीबन 48,300 हेक्टेयर नए इलाके में सिचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मंत्री ने कहा कि मिथिला इलाके में बाढ़ के प्रभाव को कम करने और इससे होने वाले क्षति को कम करने हेतु सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर विभाग पूरी तत्परता से काम कर रहा है। सीएम नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय योजना पार्ट 2 में राज्य के हर खेत तक सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। इसके लिए पूरे राज्य में जल संसाधन व पांच अन्य विभागों की टीम ने तकनीकी रूप से सर्वे किया है। इसमें हजारों योजनाएं चयनित किए गए हैं। इससे प्रदेश के लगभग 8 लाख हेक्टेयर नए इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने की उम्मीद बन रही है।
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मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं में चेक डैम, विस्तारीकरण, नलकूप, एण्टी फ्लड स्लुईस, जल अधिशेष क्षेत्र से पानी उठा कर पानी का अभाव वाले क्षेत्र में ले जाना, नहरों का पुनस्र्थापन, आहर-पईन, आदि तरह की योजनाएं हैं। इसके क्रियान्वयन हेतु संबंधित पांच विभागों द्वारा आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बिहार मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है और राज्य में सिंचाई का पानी पहुंचने से कृषि क्रांति आएगी। किसानों की आमदनी में इजाफा होगा और विकास को नई स्पीड मिलेगी।
संजय कुमार झा ने कहा कि महत्वकांक्षी परियोजना पश्चिमी कोसी नहर प्रोजेक्ट के बाकी का काम जोरों शोरों से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2019 के नवंबर में वर्ष 1971 में शुरू की गई पश्चिमी कोसी नहर प्रोजेक्ट के अंतिम दौर के सात निर्माण कामों का शिलान्यास मधुबनी में किया। इसके तहत दो-तीन दशक पहले क्षतिग्रस्त नहर बांधों, नहरों में गाद सफाई और जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं का पुनस्र्थापन कार्य के साथ ही अधूरी नहर प्रणाली का निर्माण काम शुरू किया गया है। अगले साल यानी 2023 के मार्च तक इसे पूरा करने का टारगेट है। परियोजना के पूरा हो जाने से दरभंगा और मधुबनी जिले में 265000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।