झारखंड विभाजन के बाद से ही खनिज भंडार के मामले में बिहार कंगाल हो चुका था। अब बिहार की स्थिति भी सुधरने लगी है। राज्य में दो जगहों पर महत्वपूर्ण खनिजों के बड़े ब्लाक का पता चला है। बिहार में क्रोमियम और पोटेशियम खनन के लिए सरकार नई कार्ययोजना पर काम कर रही है। खनन एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने बताया कि केंद्र सरकार से पिछले दिनों बिहार को क्रोमियम और पोटेशियम के चार खनिज ब्लाक के बारे में पता चला है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन ब्लाक से संबंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करके शीघ्र इनकी नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू करेगी। मंत्री का कहना है कि इससे बिहार में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
बिहार को तीन पोटेशियम के और एक क्रोमियम के ब्लाक दिए गए हैं। इसमें सासाराम-रोहतास में 10 वर्ग किलोमीटर का नड़वाडीह ब्लाक, आठ वर्ग किलोमीटर में टीपा खनिज ब्लाक और शाहपुर में सात वर्ग किलोमीटर में ब्लाक शामिल है। तीनों पोटेशियम के ब्लाक हैं। इसके अलावा औरंगाबाद-गया में क्रोमियम के ब्लाक हैं। यह आठ वर्ग किलोमीटर का है। बिहार के इन जिलों के खनन का काम शुरू होने से आसपास के इलाकों की सूरत बदलेगी। मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। इन खानों के शुरू होने पर शाहाबाद और मगध क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार भी होगी।
मंत्री जनक राम ने यह भी कहा कि राज्य में बालू खनन को लेकर सरकार आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आठ जिलों में नए बंदोबस्तधारियों को बालूघाट सौंपने के लिए नीलामी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बालू माफियाओं को चेताते हुए मंत्री ने कहा कि किसी सूरत में अवैध खनन की इजाजत नहीं दी जाएगी।