राजगीर और बांका के तर्ज पर राज्य में छह नए रोप-वे का काम न्यू वित्तीय वर्ष में पूरा कर हो जाएगा। इसमें गया के प्रेतशिला पर्वत, डुंगेश्वरी पर्वत और ब्रह्मयोनी पर्वत के साथ जहानाबाद का वाणावर पर्वत, कैमूर का मुंडेश्वरी पर्वत और रोहतासगढ़ किला को शामिल किया गया है।
नीतीश सरकार की प्राथमिकता सूची में पर्यटन है। यही बजा रहा है कि इस साल विभाग का बजट बढ़ने पर योजना मद में 49 करोड़ की राशि वृद्धि की गई है। बोधगया के चौमुखी विकास के लिए गया में 72 एकड़ भूमि को लैंड बैंक के रूप में विकसित करने की योजना है। गया के डुंगेश्वरी पर्वत पर भगवान बुद्ध और फल्गू नदी में भगवान विष्णु की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
पर्यटन विभाग ने रामायण, बौद्ध व सूफी सर्किट के डेवलपमेंट के साथ अलग-अलग योजनाओं की स्वीकृति के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव सौंपा है। प्रस्ताव में रामायण सर्किट के विकास पर 67.33 करोड़, बौद्ध सर्किट पर 101.41 करोड़ जबकि सूफी सर्किट पर 97.12 करोड़ रुपये के लागत आने की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त स्वदेश दर्शन योजना से जैन सर्किट, कांवरिया सर्किट, अंग प्रदेश सर्किट व गांधी सर्किट की स्वीकृत योजनाओं को अगले महीने तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
बता दें कि नीतीश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से लगातार पहल कर रही है और विभिन्न योजनाओं को स्वीकृति किया जा रहा है। हाल ही में राजगीर में बहुप्रतीक्षित जू-सफारी, सुपौल के कोशी में नौका विहार का उद्घाटन हुआ है। बीते वर्ष में बिहार में पर्यटन के लिए आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। बिहार देश के 10 राज्यों की सूची में शामिल हो गया है जहां सबसे अधिक विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं।