बिहार में देसी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के मकसद से नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार तीन आयुर्वेदिक कॉलेज व एक होम्योपैथ कॉलेज सह अस्पताल बनाएगी। इसके लिए कुल 838.54 करोड़ रुपए राशि खर्च करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में इस राशि को स्वीकृति दे दी गई है। कैबिनेट में कुल 17 प्रस्तावों पर सहमति बनी है।
मंत्रिमंडल सचिवालय के विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि बेगूसराय में राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय-सह- चिकित्सालय में 150 नामांकन क्षमता का आयुर्वेद कॉलेज और 200 बेड का चिकित्सालय, हॉस्टल, आवासीय भवन बनाए जाएंगे। इसमें कुल 257 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि खर्च होगी।
264 करोड़ 44 लाख 91 हजार रूपए की राशि खर्च कर राजकीय तिब्बी कॉलेज, कदमकुआं के नए कैंपस का निर्माण नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अगमकुआं परिसर में कराने एवं राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल के नए भवनों के निर्माण कराए जाएगा। 195 करोड़ 63 लाख 34 हजार राशि खर्च कर दरभंगा में राजकीय महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर में 120 नामांकन क्षमता का आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय और 150 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल बनाए जाएंगे।
वहीं मुजफ्फरपुर जिले में राजकीय राय बहादुर टुनकी साह होम्योपैथिक चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल का निमार्ण होगा जहां नामांकन क्षमता 120 होगी। इसके निर्माण को लेकर कैबिनेट पर 121 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दे दी है। बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरक्षण निगम लिमिटेड ने इन कॉलेजों के निर्माण की तकनीकी मंजूरी पूर्व में ही दे चुकी है।