यूपीएससी देश की मुश्किल और प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है। होनहार और काबिल छात्र ही इस कठिन परीक्षा में कामयाबी हासिल करते हैं। लेकिन कई ऐसे औसतन छात्र भी होते हैं जो आईएएस बनने की चाह में इस मुश्किल परीक्षा की राह में निकल पड़ते हैं। ऐसे ही कहानी है बिहार के अनुराग की जिन्होंने आईएएस बनने के लिए कठिन फैसले लिए और कामयाबी हासिल करके ही दम ली। कभी ग्रेजुएशन में फेल होने वाले अनुराग ने लगातार दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की और देश भर में 48वीं रैंक हासिल कर आईएस बना।
अनुराग बिहार के कटिहार जिले से आते हैं। आठवीं वर्ग तक हिंदी मीडियम में पढ़ने के बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने अंग्रेजी मीडियम से की। शुरू से ही औसतन छात्र रहे अनुराग के लिए यह बेहद मुश्किल भरा समय था। मैट्रिक में उन्होंने 90 फीसद अंक से सफलता हासिल की। 12वीं वर्ग में मैथ्स प्री बोर्ड के एग्जाम में फेल हो गए। फिर दोगुने जोश से तैयारी की और 90 प्रतिशत अंकों के साथ इंटरमीडिएट पास की। फिर उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लिया। ग्रेजुएशन में अनुराग को कई सब्जेक्ट में असफलता झेलनी पड़ी। फिर उन्होंने ध्यान देते हुए ग्रेजुएशन क्लियर किया।
अनुराग ने ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। अनुराग ने यूपीएससी की परीक्षा दी और 2017 के जारी परिणाम में देश भर में 677 वीं रैंक हासिल की। अपने रिजल्ट से असंतुष्ट अनुराग ने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला लिया। दूसरे प्रयास में उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की। यूपीएससी-2018 के घोषित नतीजे में अनुराग ने देश भर में 48 वीं हासिल की और आईएएस अधिकारी बनें। अनुराग का मानना है कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए अपने बैकग्राउंड को छोड़कर नए सिरे से शुरुआत करनी चाहिए।