राहें आसान हो जाती है जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं और सफलता मिलने के बाद लोग भी महिला और पुरुष में भेदभाव करना छोड़ देते हैं। वैसे भी आजकल महिला किसी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है हर क्षेत्र में वह अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। ऐसे ही कृषि क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) की बीना देवी (Veena Devi), जिन्होंने अपने पलंग के नीचे ही मशरूम की खेती कर डाली और आज पूरे देश में प्रसिद्ध हो चुकी हैं।
‘मशरूम लेडी’ के नाम से प्रसिद्ध मुंगेर की रहने वाली बीना देवी (Veena Devi) आप सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं, जिनकी तारीफ हमारे देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार तक कर चुके हैं। लोगों ने महिला होने के नाते ताने भी दिए लेकिन वह अपने लक्ष्य पर अडिग रही।
एक गरीब परिवार में रहने वाली बीना देवी (Veena Devi) ने मशरूम की खेती के जरिए अपनी ग़रीबी तो दूर की ही लेकिन साथ ही साथ 100 से अधिक गाँव में मशरूम की खेती के लिए लोगों में उत्साह भर दी। इन्हीं की वज़ह से आज 1500 से भी अधिक परिवारों का जीवन यापन आसानी से चल रहा है। इसका श्रेय सिर्फ़ और सिर्फ़ वीणा देवी को ही जाता है।
आपको बता दें तो बीना देवी के पास मशरूम की खेती करने के लिए ना ही कोई ज़मीन थी, ना ही कोई खेत था और ना ही कोई ऐसी जगह जिसका वह प्रयोग खेती के लिए कर सकें। तब भी बीना देवी ने हिम्मत नहीं हारी और दिमाग़ लगाकर वह जिस पलंग पर सोती थी उस पलंग के नीचे ही मशरूम 1 किलो बीज मंगा कर इसकी खेती करना शुरू कर दी क्योंकि वही एक मात्र जगह उनके घर में थी। बीना देवी के इस कहानी को हमारे देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने ख़ुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए साझा किया था, जिससे बाद पूरे देश को उनकी कहानी का पता लग पाया।
मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले बीना देवी ने अपने पलंग को चारों ओर से साड़ी से घेर दिया। उनका यह तरीक़ा जब लोगों तक पहुँचा तो तुरंत कृषि विश्वविद्यालय की टीम उनके घर तक पहुँच गई और उनके इनोवेशन की तस्वीरें और वीडियो बाहर की दुनिया में वायरल हो गई, जिसे विश्वविद्यालय में दिखाया गया।
बीना देवी (Veena Devi) का सपना था स्कॉर्पियो में बैठना, क्योंकि आज तक वह स्कॉर्पियो में नहीं बैठी थी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह स्कॉर्पियो में बैठकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर जाएंगी और मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित की जाएंगी। 2014 में मुख्यमंत्री से सम्मान मिलने के बाद उन्हें 2018 में महिला किसान अवार्ड से सम्मानित किया गया और उसके बाद 2019 में उन्होंने किसान अभिनव पुरस्कार प्राप्त किया।
राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कृत की गई।
उनकी ज़िन्दगी की सबसे ख़ास बात रही कि उन्होंने इसी साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 8 मार्च को देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। बीना देवी ने अपने वीडियो के जरिए लोगों के साथ मशरूम की खेती के तरीके को साझा किया और यह भी बताया कि उन्हें कैसे सफलता मिली और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मशरूम की खेती से वह एक आत्मनिर्भर महिला के रूप में उभर कर सामने आई है।
बीना देवी के कार्य कुशलता को देखते हुए उन्हें टेटिया बंबर ब्लॉक के दौड़ी पंचायत का सरपंच भी बनाया गया, जहाँ उन्होंने 5 सालों तक अपना योगदान दिया। खेती से पहले बीना देवी अपने चार बच्चों को लेकर परेशान रहती थी कि कैसे उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाएँ। लेकिन अब वह आर्थिक रूप से इतनी मज़बूत हो चुकी है कि वह अपने बड़े बेटे को अब इंजीनियरिंग करा रही हैं।
यह उनके सशक्त सोच का ही परिणाम है कि वह आज इस मुकाम पर हैं। साथ ही साथ कई महिलाओं को भी वह सशक्त बनाने का काम कर रही हैं।