स्वर्ण पदक जीतने वाली बिहार की इन दोनों प्रतिभावान बच्चियों का कहना है कि अगर सरकार की ओर से सहायता मिले और उनका दाखिला जेएसडब्ल्यू एकेडमी में हो जाए तो फिर वह वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने में सामर्थ्य होगी। देश को स्वर्ण पदक जिताने का सपना साकार कर सकेगी।
हरियाणा के सोनीपत में शालिनी ने और यूपी के मेरठ में निर्जला ने राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी पाई। हालांकि कोविड के कारण इन दोनों प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा था और यह अपने खेल से कोसों दूर हो गई थी।
कोविड के मामले जब सामान्य होने लगे तो इन दोनों बहनों के हौसले फिर से बुलंद हो गए। दोनों के पिता मुकेश ने दंगल फिल्म से प्रेरित होकर घर में ही अपनी बेटियों के लिए अखाड़ा बना लिया था। इन दोनों बेटियों की कामयाबी से आज सिर्फ बिखरी ही नहीं पूरे बेगूसराय और बिहार को इन पर नाज है।
अपनी दोनों बेटियों को पहलवान बनाने की जिद ठान लेने वाले मुकेश ने घर में अखाड़ा बनाने के साथ ही ही भरतपुर प्रैक्टिस कराने लगे। आज उनकी बेटियां कुश्ती की दुनिया में बड़ा नाम कमा चुकी है। शालिनी और निर्जला के पिता की चाहत है कि जेएसडब्ल्यू या किसी अन्य ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में हो जाए ताकि दोनों बेटियां देश का नाम रोशन कर सकें।
निर्जला और शालिनी ने लगभग आधे दर्जन से अधिक राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में दमखम दिखाया है। हालांकि अब घर की माली हालात ने इनके सपनों में बड़ी बाधा बन गई है। आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि दोनों बहनों को ना तो उपयुक्त खाना मिल रहा है और ना ही उचित प्रशिक्षण मिल रहा है, जिसका दोनों बहनों को काफी मलाल है।